बोन मैरो ट्रांसप्लांट
मंत्री सारंग ने बताया कि सिकल सेल एनीमिया, एप्लास्टिक एनीमिया एवं थैलीसीमिया जैसी जेनटिक बीमारियों के कारण बच्चों के संक्रमित बोन मैरो को निकाल कर दूसरे व्यक्ति का स्वस्थ बोन मैरो करने के बाद बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया जाएगा। पीड़ित बच्चों के बोन मैरो को ट्रांसप्लांट करने के लिए प्राथमिक डोनर बच्चों के भाई बहन होते हैं, जिनका बोन मैरो के बच्चों के बोनमैरो से मैच करने की संभावना 25 प्रतिशत से अधिक होती है।
स्टेम सेल ट्रांसप्लांट
मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि कैंसर जैसे ल्यूकीमिया, मल्टीपल माईलामा, नॉन हॉजकिन्स लिंफोमा के पीड़ित मरीजों में उनके ही स्टेम सेल को निकाल कर ऑटोलॉगस स्टेम सेल ट्रांसप्लांट किया जाएगा। पीड़ित मरीज के ही स्टेम सेल को निकाला जाएगा, फिर उसको क्रायो प्रिजर्व किया जाएगा। उसके बाद उसी मरीज में ऑटालॉगस ट्रांसप्लांट जाएगी।
बोन मैरो के लिए सेकेंडरी डोनर
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने बताया कि पीड़ित बच्चों के भाई-बहन के ना होने की स्थिति में अन्य व्यक्ति के बोन मैरो जो बच्चों के साथ 100 प्रतिशत मैच करता है को उपयोग में लिया जा सकता है। सेकेंडरी डोनर को स्टेम सेल रजिस्ट्री के माध्यम से चिन्हित किया जाता है।
स्टेम सेल रजिस्ट्री
मंत्री सारंग ने बताया कि भारत सरकार की स्टेम सेल रजिस्ट्री में कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से अपने बोन मैरो को डोनेट करने के लिए स्वयं को रजिस्टर कर सकता है। किसी भी पीड़ित बच्चों के बोन मैरो से मैच होने पर वह अपने बोन मैरो को डोनेट कर सकता है।
परियोजना विवरण एवं लक्ष्य
मंत्री ने बताया कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट यूनिट में 06 बिस्तर और पीडियाट्रिक कैंसर यूनिट में 24 बिस्तर शामिल है इसमें आईसीयू के 06 बिस्तर है। इस यूनिट के द्वारा 01 वर्ष में लगभग 20 बोन मैरो ट्रांसप्लांट करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
अमेरिका के बोनमैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ करेंगे इलाज
मंत्री सारंग ने बताया कि बच्चों में कैंसर एवं जेनेटिक बीमारियों के उपचार के लिए विश्व स्तरीय चिकित्सा व्यवस्था विकसित कर अमेरिका की कोलंबिया यूनिवर्सिटी, न्यूयार्क के विख्यात बोन मैरो ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. प्रकाश सतवानी नि:शुल्क चिकित्सकीय उपचार एवं सहयोग प्रदान करेंगे।
जनजागरण अभियान
उन्होंने बताया कि बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए जन जागरण अभियान भी चलाया जाएगा । इस अभियान के अंतर्गत बोन मैरो ट्रांसप्लांट के माध्यम से ठीक होने वाली असाध्य बीमारियों के बारे में जन जागरण किया जाएगा एवं बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए डोनेशन करने के लिए लोगो को प्रेरित किया जाएगा।
स्टेम सेल रिसर्च सेंटर
मंत्री सारंग ने बताया कि स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से रक्त जनित बीमारियों के उपचार के अतिरिक्त अन्य असाध्य चिकित्सीय बीमारियों के लिए स्टेम सेल थेरेपी के उपयोग के लिए भोपाल में रिसर्च यूनिट को विकसित किया जाएगा, जिससे कि भविष्य में इन असाध्य बीमारियों का स्टेम सेल थेरेपी के माध्यम से उपचार किया जाना संभव हो सके ।