MP News : सीएम डॉ मोहन यादव ने किया राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का शुभारंभ, बोले- भविष्य में ये अंतर्राष्ट्रीय स्तर का होना चाहिए

मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि हिन्दी विज्ञान का यह चौथा सम्मेलन निश्चित रूप से विज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देगा और अभूतपूर्व परिवर्तन लाएगा।

Atul Saxena
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CM Dr Mohan Yadav National Hindi Science Conference

MP News : मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने आज राजधानी भोपाल में “राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन – 2024” का शुभारंभ किया, उन्होंने आयोजन के लिए सभी को बधाई दी और कहा कि विज्ञान भारती द्वारा विज्ञान में हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिए तकनीकी रूप से स्वभाषा को बढ़ावा देने का एक बड़ा अभियान शुरू हुआ है। अभी यह कार्यक्रम राष्ट्रीय स्तर पर हो रहा है, आने वाले समय में इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर का भी होना चाहिए ।

कवि, कथाकार  संतोष चौबे आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान संवर्धन सम्मान से सम्मानित

मुख्यमंत्री ने भोपाल स्थित सीएसआईआर-एम्प्री में “राष्ट्रीय हिन्दी विज्ञान सम्मेलन 2024” का शुभारंभ कर “अनुसंधान संदेश” पुस्तिका का विमोचन किया इस मौके पर कवि, कथाकार  संतोष चौबे को आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रे विज्ञान संवर्धन सम्मान से सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि हिन्दी विज्ञान का यह चौथा सम्मेलन निश्चित रूप से विज्ञान के क्षेत्र में हिन्दी के उपयोग को बढ़ावा देगा और अभूतपूर्व परिवर्तन लाएगा।

सीएम ने विज्ञान भारती से की ये अपील 

अपनी स्व भाषा यानि हिंदी को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी रूप से ये एक बड़ा अभियान है,  हिंदी को जानने वाले विद्वान यदि रिसर्च को हिंदी में करते हैं उसके तकनीकी शब्दों का हिंदी में अनुवाद करते हैं तो वो सहज रूप से लोकप्रिय होता है, लोगों की जिज्ञासा विज्ञान के प्रति बढ़ेगी,  मैं ऐसी सभी रिसर्च को प्रोत्साहन देता हूँ। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि कोई पढ़े लिखे नहीं भी हैं और कोई आविष्कार लेकर आते हैं तो मैंने विज्ञान भारती से कहा है कि ऐसा प्रबंध करें कि ऐसे लोग भी इस कार्यक्रम का हिस्स बनें, उन्हें भी प्रोत्साहित करें।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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