भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव निरस्त हो जाने के बाद शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने पंचायतों के संचालन की जिम्मेदारी पूर्व पदाधिकारियों को दी है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) ने पंचायतों के पूर्व पदाधिकारियों को वित्तीय अधिकार दे दिए हैं। अब सरकार के सामने एक नयी परेशानी सामने आई है। पंचायत के बाद नगरीय निकायों के पूर्व पदाधिकारियों (Former Officials Of MP Urban Bodies) ने सरकार से उन्हें भी वित्तीय अधिकार देने की मांग की है।
पंचायतों के पूर्व पदाधिकारियों को वित्तीय अधिकार दिए जाने के बाद अब नगरीय निकायों के पूर्व पदाधिकारी सामने आये हैं। वे उन्हें भी वित्तीय अधिकार दिए जाने की मांग कर रहे हैं। आज बुधवार को राजधानी में कुछ नगरीय निकायों के पूर्व पदाधिकारी पहुंचे और उन्होंने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के आवास के बाहर सांकेतिक धरना दिया अउ रुआँसे मुलाकात की । पूर्व पदाधिकारियों का कहना है कि पंचायतों की तरह ही नगरीय निकायों के चुनाव भी नहीं हो रहे हैं तो उन्हें भी वित्तीय अधिकार दिए जाएँ।
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उधर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि नगरीय निकायों के पूर्व पदाधिकरियों का मांग पत्र ले लिए है। इसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान तक पहुंचाया जायेगा, मुख्यमंत्री ही इस पर कोई फैसला ले सकेंगे।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश (MP News) में पंचायत चुनावों की तरह ही नगरीय निकाय चुनाव (MP Urban Body Election) भी नहीं हुए हैं। लगभग दो ढाई साल से लोग नगरीय निकाय चुनावों का इन्तजार कर रहे हैं। आरक्षण के मामले को लेकर इस पर न्यायालय का स्टे है।