MP News : प्रदेश के NGO, वृद्धाश्रमों, नशामुक्ति केंद्रों की जांच के आदेश, मानक पर खरे नहीं उतरे तो बंद हो सकता है अनुदान

जिन वृद्धाश्रम और नशामुक्ति केंद्रों को 50 से कम अंक मिलेंगे तो ये माना जायेगा कि उन संस्थाओं का संचालन मानकों के अनुसार सही नहीं है ऐसी स्थिति में तत्काल संस्था के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी , इनको दिया जाने वाला सरकारी अनुदान भी बंद किया जा सकता है।

Atul Saxena
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Mantralay

MP News : मध्य प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी गैर सरकारी संगठनों, वृद्धाश्रमों और नशा मुक्ति केंद्रों की जाँच के आदेश दिए हैं, इनके लिए एक फोर्मेट सरकार ने बनाया हुआ है जिसके आधार पर इनकी मार्किंग होती है और सरकार द्वारा तय मानक पर यदि ये खरे नहीं उतरते हैं तो सरकार इनका अनुदान भी बंद कर सकती है।

10 अगस्त तक देनी होगी रिपोर्ट 

मध्य प्रदेश सरकार के सामाजिक न्याय विभाग ने प्रदेश के सभी गैर सरकारी संगठन (NGO) , वृद्धाश्रम और नशामुक्ति केंद्रों की जाँच के आदेश दिए हैं। सरकार के निशाने पर खासकर घटिया सुविधा और गुणवत्ताहीन भोजन और एक, दो कमरे में चल रहे सरकारी अनुदान प्राप्त वृद्धाश्रम और नशा मुक्ति केंद्र हैं। आदेश के मुताबिक 10 अगस्त तक इस सभी को अपनी ऑडिट रिपोर्ट देनी होगी।

इस तरह होगी ग्रेडिंग 

आपको बता दें कि सरकारी फोर्मेट के अनुसार इन्हें नम्बर दिए जायेंगे ये नबर मौजूद सुविधाओं के आधार पर होंगे , यदि 90 से 100 तक अंक मिलते हैं तो ग्रेडिंग ए प्लस होगी, 80 से 90 अंक पर ए ग्रेड, 70 से 80 पर बी प्लस, 60 से 70 पर बी ग्रेड, 50 से 60 अंक मिलने पर सी ग्रेड दिया जाएगा और 50 से कम अंक मिलने पर डी ग्रेड दिया जाएगा।

50 से कम अंक मिले तो बंद हो सकता है सरकारी अनुदान  

ध्यान रहे जिन वृद्धाश्रम और नशामुक्ति केंद्रों को 50 से कम अंक मिलेंगे तो ये माना जायेगा कि उन संस्थाओं का संचालन मानकों के अनुसार सही नहीं है ऐसी स्थिति में तत्काल संस्था के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी , इनको दिया जाने वाला सरकारी अनुदान भी बंद किया जा सकता है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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