MP News : मध्य प्रदेश में आज से होगा पेसा एक्ट लागू, BJP प्रवक्ता ने कमलनाथ को बताया कंपनी बहादुर

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सरकार (shivraj government) ने बड़ी तैयारी की है। इसके तहत मध्यप्रदेश (MP) में आज से पेसा एक्ट (PESA Act) लागू किया गया है। मध्यप्रदेश में पैसा एक्ट लागू होने के आधिकारिक घोषणा कर दी गई है। इस कार्यक्रम में आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) भी शामिल होंगी। मध्यप्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस (Tribal Pride Day) 15 नवंबर को जनजातीय समुदाय के हित में पेसा एक्ट को अधिकारिक रूप से लागू किया जाएगा। इस पर राजनीति भी शुरू हो गई है। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (kamal nath) ने पेसा एक्ट और गौरव दिवस परतंज कसा था। जिस पर अब उन्हें कंपनी बहादुर का टैग मिला है।

दरअसल बीते दिनों कमलनाथ ने तंज कसते हुए कहा था कि मध्य प्रदेश में बीजेपी आदिवासी गौरव दिवस मना रही है लेकिन सच्चाई यह है कि सबसे ज्यादा बीजेपी ने ही आदिवासी समुदाय के विरुद्ध कार्य किए हैं। आदिवासी अत्याचार में मध्यप्रदेश को नंबर वन बनाने के बाद विश्व आदिवासी दिवस का अवकाश समाप्त करने वाली बीजेपी सरकार को आदिवासी गौरव दिवस मनाने का नैतिक अधिकार तो है ही नहीं।

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इस दौरान कमलनाथ ने कहा था कि शिवराज सरकार पिछले 20 साल में पेसा कानून को लागू नहीं कर पाई है। जिस पर अब डॉक्टर हितेश वाजपेई ने जनजातीय गौरव दिवस और पेसा कानून पर कमलनाथ के बयान पर पलटवार किया है। हितेश वाजपेई ने ट्वीट करते हुए कहा कि “मेरी जंगल, मेरी संपदा, मेरी आमदनी, मेरा पेसा” तुम क्या समझोगे कंपनी बहादुर कमलनाथ।

साथ ही बीजेपी प्रवक्ता ने कमलनाथ को कंपनी बहादुर बता दिया है। दरअसल जनजातीय गौरव दिवस पर इस एक्ट को आधिकारिक रूप से लागू किया जाएगा। जिससे सामाजिक समरसता के साथ प्रदेश के विकास सरकार की प्राथमिकता में शामिल होगी। वही प्रदेश में जनजातीय कल्याण और पेसा कानून के माध्यम से जनजातीय लोगों को भी विकास की राह में आगे लाकर खड़ा किया जाएगा।

पेसा कई राज्य में लागू है। वहीं मध्यप्रदेश के ही जनप्रतिनिधि दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बनाई गई समिति की अनुशंसा पर इस एक्ट को तैयार किया गया था। 1996 को इसे कानून बनाकर देश में लागू किया गया था। पेसा एक्ट के तहत पंचायत में महिलाओं अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए संख्या के आधार पर आरक्षित कर उन्हें लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 73 वां भारतीय संविधान संशोधन अधिनियम 1992 के पंचायती राज की व्यवस्था में तैयार किया गया था।


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