MP News : पुलिस फ़ोर्स में श्वानों की भी महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पुलिस में इनके कामकाज की भी समय सीमा होती है। पुलिस के जवानों की तरह इन्हें भी एक समय के बाद अपने काम सेवानिवृत्ति दी जाती है। आज 23वीं वाहिनी में पुलिस के 10 श्वानों (कवहे) की सेवानिवृत्ति का अनूठा एवं रोचक आयोजन किया गया।
इस अनूठे कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशेष सशस्त्र बल साजिद फरीद सापू थे। जबकि, अध्यक्षता डीआईजी (मध्य क्षेत्र) नवनीत भसीन ने की। इस प्रकार के आयोजन नवाचार पुलिस महकमे में पहली बार देखने को मिला। प्रारंभ में 23वी वाहिनी के सभाकक्ष में आयोजित इस कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा सेवानिवृत्त हुए डॉग्स को विदाई दी गई जिन्होंने हत्या, लूट, डकैती और नारकोटिक्स जैसे मामलों के निराकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
इस अवसर पर फरीद सापू ने कहा कि इन श्वानों (कवहो) की भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता। क्योंकि, पुलिस की सक्रियता और सफलता इन कवहो के बिना असंभव है। पुलिस की सफलता में कवहो का योगदान किसी से छिपा हुआ नहीं है। महत्वपूर्ण और पैचीदे मामले में इनकी मेहनत वंदनीय और अभिनंदनीय है।
आयोजन के प्रारंभ में कमांडेंट आदित्य प्रताप सिंह ने इस रोचक एवं महत्वपूर्ण आयोजन पर प्रकाश डाला। आपने कहा कि पुलिस की सफलता में इन श्वानों (कवहो) का योगदान अमूल्य है। क्योंकि, इनकी भूमिका से पुलिस को अपने कामकाज में महत्वपूर्ण मदद मिलती है। पुलिस फ़ोर्स में श्वानों के योगदान पर पहली बार डॉग्स का सेवानिवृत्ति समारोह का आयोजित किया गया।