MP का “शुगर फ्री” आलू विदेशियों की भी पसंद, जानिए इसकी विशेषताएं

Atul Saxena
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भोपाल/इंदौर , डेस्क रिपोर्ट। आलू (Potato) एक ऐसी खाद्य सामग्री है जिसे यदि सब्जियों का राजा कहा जाये तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। आलू भले ही स्वयं में बहुत स्वादिष्ट नहीं होता लेकिन जब ये किसी सब्जी का साथ देता है यानि उसमें मिला दिया जाता है तो उस सब्जी का स्वाद जरुरु बढ़ जाता है। अब तो बड़ी बड़ी अंतर राष्ट्रीयकंपनियां तक आलू के चिप्स, फिंगर चिप्स, आलू भुजिया आदि बेचकर करोड़ों का टर्नओवर कर रही हैं। मध्य प्रदेश(MP News) में भी एक क्षेत्र विशेष का आलू (MP Potato) ऐसा है जिसकी धाक विदेशों तक है।

मिनी मुम्बई कहा जाने वाला इंदौर, आलू उत्पादन (Indore Potato) में भी नई इबारत लिख रहा है। न के बराबर शुगर होने से शुगर-फ्री आलू के नाम से इसकी लोकप्रियता देश ही नहीं विदेश में भी बढ़ रही है। जिले में हर साल 45 हजार हेक्टेयर में लगभग 20 लाख मीट्रिक टन आलू उत्पादन होता है। प्रदेश का ही नहीं, देश का भी प्रमुख आलू उत्पादक जिला होने से इंदौर में “एक जिला-एक उत्पाद” योजना (One District One Product Scheme) में आलू का चयन किया गया है।

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आय बढ़ाने वाला होने के कारण किसान बड़ी संख्या में आलू उत्पादन की ओर आकर्षित हो रहे हैं। शुगर-फ्री आलू के  चिप्स तलने के बाद लाल नहीं होते, सफेद बने रहते हैं। आलू उत्पादन के लिये जिले में किसानों को 25 से 35 लाख रूपये तक का ऋण मुहैया कराया जा रहा है, जिसमें अधिकतम 10 लाख रूपये की सब्सिडी दी जा रही है। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना में 35 प्रतिशत क्रेडिट लिंक्ड अनुदान पर आलू फसल आधारित नवीन सूक्ष्म उद्योग लगाने की ओर युवा वर्ग प्रेरित हो रहा है। इंदौरी आलू (Indore Potato) की विशेषताओं के चलते अनेक छोटी कंपनियों के साथ प्रतिष्ठित कंपनियों ने भी इंदौर (Indore News)में कारखाने स्थापित किये हैं।

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आपको बता दें कि महू क्षेत्र के ग्राम गवली, पलासिया, जामली, बिचौली, कोदरिया, बड़गोंदा, हरसोला, दतोदा, हासलपुर, मेमदी, कुवाली, मानपुर, टीही, राउ, रंगवासा, कैलोद और मेण में प्रमुख रूप से आलू की खेती की जा रही है। आमतौर पर एक हेक्टेयर में 220 में 240 क्विंटल तक आलू का उत्पादन होता है, लेकिन देपालपुर तहसील के ग्राम चितोड़ा के किसान भरत पटेल ने उन्नत तकनीक अपनाकर प्रति हेक्टेयर 400 क्विंटल आलू उत्पादन में अद्भुत सफलता हासिल की है। उन्होंने 7 वेरायटी का आलू उत्पादन किया।

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उल्लेखनीय है कि आलू अनेक गुणों से भरपूर है। इसमें स्वास्थ्य-वर्धक तत्व-विटामिन, आयरन, केल्शियम, मेग्नीज, फास्फोरस आदि होते हैं। त्वचा जलने में आलू का औषधीय प्रयोग होता है। आलू से बनने वाले चिप्स, पापड़, समोसा, कचौड़ी, आलूबड़ा, टिक्की, फ्रेंच फ्राइस और पराठे हर आयुवर्ग में लोकप्रिय हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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