भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पहले भाजपा (BJP) जहां कांग्रेस विधायकों (Congress MLA) को तोड़कर अपने पाले में ला रही थी, वहीं उपचुनाव (By election) का समय नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस ने भाजपा में सेंध लगाना शुरू कर दिया है। सुरखी से पूर्व भाजपा विधायक पारुल साहू (Former MLA Parul Sahu) सहित ग्वालियर-चंबल (Gwalior-Chambal) के कुछ भाजपा नेताओं ने आज कांग्रेस का दामन थाम लिया हैं। प्रदेश बीजेपी कार्यालय में आज पीसीसी चीफ कमल नाथ ने पारुल साहू को कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करवाई है।
पारुल साहू के कांग्रेस में शामिल होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने कहा कि कांग्रेस में व्यक्तियों का टोटा है। इसलिए कांग्रेस प्रत्याशी ढूंढ रही है। उन्होंने कहा, कांग्रेस में बमोरी से लेकर भांडेर और गवालियर तक सब आयातित लोग है। उन्होंने कहा जो स्थिति कांग्रेस की है वही इन आयतीति लोगों की भी रहेगी।
पीसीसी चीफ कमल नाथ (PCC Chief Kamal Nath) के ग्वालियर दौरे पर नरोत्तम मिश्रा बोले, चुनाव है उनका स्वगत है। उन्होंने कहा कमल नाथ जब मुख्यमंत्री थे तब क्यों ग्वालियर नहीं गए। उन्होंने कहा कि, हमारे सवालों का कांग्रेस कभी भी जवाब नहीं दे पाएगी क्योंकि हम सत्य बात पूछते हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज (Chief Minister Shivraj) के उज्जैन दौरे (Ujjain Tour) पर बोले कि, रोज गरीबों के कल्याण के लिए कार्यक्रम हो रहे है। पूरे 15 महीनो में जो कांग्रेस ने काम नहीं किए वो हमने 7 दिनों में कर दिए। इमारती देवी के डिप्टी सीएम (Imarati Devi Deputy CM) बनने वाले वायरल वीडियों (Viral Video) पर नरोत्तम मिश्रा ने बोला कि सिंधिया और शिवराज (Scindia And Shivraj) सक्षम है। उन्होंने कहा कि वो चाहे तो इमारती देवी को डिप्टी सीएम बन सकती गया। वहीं कांग्रेस के सवाल उठाने पर बोले कि इसमें भी कांग्रेस को दिक्कत है।
कांग्रेस के बेरोजगारी दिवस (Unemployment Day) मनाने पर गृहमंत्री ने कहा कि, सही बात है कांग्रेस ने सही किया जो बेरोजगार दिवस मनाया, क्योंकि उन्होंने एक भी रोजगार नहीं दिया था। पिछले 15 महीनों में एक भी बेरोजगार व्यक्ति को बेरोजगारी भत्ता नहीं दिया। उन्होंने कहा कांग्रेस लिखित में झूठ बोलने वाली पार्टी और किसानों को धोखा देने वाली पार्टी है। विधानसभा के सत्र को 5 घंटे का किए जाने पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, हमारे विधायक लगातार कोरोना पॉजिटिव होते जा रहे हैं। इसलिए सर्वदलीय बैठक में भी आम राय यही आई थी कि कम समय में विधानसभा सत्र को संपन्न कराया जाए।