भोपाल। प्रदेश से लेकर देशभर की जेलों में अपने फैसलों के इंतजार में घुट रहे हजारों लोगों के मानवाधिकार के लिए आवाजें तेज होने लगी हैं। नेशनल कांफीडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) ने इसका बीड़ा उठाया है। एनसीएचआरओ इस रविवार को भोपाल में एक सेमिनार का आयोजन करेगा। सेमीनार की संयोजक खुशबू चौरसिया ने बताया कि 23 जून को गांधी भवन में होने वाले इस आयोजन में वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता एलएस हरदेनिया, पीयूसीएल की सदस्या और नागरिक अधिकार कार्यकर्ता माधुरी बेन, मानवाधिकार अधिवक्ता एड्वोकेट अराधना भार्गव, संगठन की राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य एड्वोकेट अंसार इन्दौरी और कम्युनिस्ट पार्टी (माले) रेड स्टार के प्रदेश सचिव विजय कुमार सहित कई वक्ता अपनी बात रखेंगे। देरी से मिलना वाला न्याय, अन्याय है, विषय पर आयोजित इस सेमिनार में देशभर के विचाराधीन बंदियों को लेकर चर्चा की जाएगी। एनसीएचआरओ का मत है कि देश के अलग-अलग शहरों की जेलों में बड़ी तादाद में ऐसे लोग भी बन्द हैं, जो बेकुसूर हैं लेकिन लम्बी चलने वाली कानूनी प्रक्रिया से जहां सरकारी खजानों पर असर पड़ रहा है, वहीं इससे इंसाफ की कवायद भी कमजोर होती दिखाई दे रही है। रविवार को होने वाले सेमिनार के दौरान ऐसे सुझाव और प्रस्तावों पर भी चर्चा की जाएगी, जिनसे न्याय की दलील कायम रह सके, इससे लोगों का भरोसा न उठे, बेकुसूर बिना वजह जेल में न सडें और दोषियों तथा गुनाहगारों को जल्दी से जल्दी सजा मिल सके। खुशबू चौरसिया ने बताया कि इस अवसर पर संगठन की मध्यप्रदेश ईकाई की भी घोषणा की जाएगी।
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