भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश स्कूल विभाग के नए आदेश के बाद अब पहली से आठवीं तक का कोई विद्यार्थी यदि स्कूल बदलता है तो अब ट्रांसफर सर्टिफिकेट यानि टीसी की जरूरत नहीं पड़ेगी। मध्य प्रद्रेश स्कूल शिक्षा विभाग ने इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिए हैं। माना जा रहा है कि लगातार अभिभावकों से मिली शिकायतों के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने यह फैसला लिया है। हालांकि स्कूल एसोसिएशन ने इसका विरोध किया है उनकी माने तो इस फैसले के बाद स्कूल प्रबंधन के लिए मुश्किल बढ़ जाएगी, अभिभावक अब स्कूल में फीस भरने में आनाकानी करेगे और अगर स्कूल दबाव बनाएगा तो अभिभावक बिना फीस दिए दूसरे स्कूल में बच्चे का एडमिशन करवा देंगे। बता दें कि शिक्षा के अधिनियम (आरटीई) के नियमों में भी यह उल्लेखित है कि स्कूल बदलने पर स्थानांतरण प्रमाणपत्र जरूरी नहीं है।
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अभी तक एक से दूसरे स्कूल में जाने पर टीसी मांगी जाती थी, जिससे अभिभावक परेशान होते थे। हालांकि पिछले साल 20 दिसंबर को विभाग ने एक आदेश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि अगर बच्चा स्कूल बदलता है तो आवेदन पत्र के साथ उस स्कूल से टीसी लेकर देनी होगी जिसमें उसने अंतिम बार पढ़ाई की हो। विभाग ने फिर नया आदेश जारी कर पिछले साल के आदेश को निरस्त कर दिया है। दरअसल, कोविड काल में निजी स्कूलों ने शासन के आदेश की अवहेलना कर अभिभावकों से पूरी फीस वसूलने का दबाव डाला। ऐसे में कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों से बच्चों को निकाल लिया।
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स्कूलों द्वारा टीसी नहीं देने के कारण दूसरे स्कूल में अभिभावक बच्चों को दाखिला नहीं दिला पा रहे थे। इसकी शिकायत स्कूल शिक्षा विभाग के पास पहुंची थी। इस कारण विभाग ने स्कूलों में प्रवेश के समय टीसी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। इस संबंध में 20 से अधिक अभिभावकों ने मध्य प्रदेश बाल अधिकार संरक्षण आयोग व जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में शिकायत की थी। इसमें कहा था कि वे निजी स्कूल से बच्चों को निकालना चाहते हैं, लेकिन स्कूल प्रबंधन टीसी नहीं दे रहा है।