अब शिक्षकों के लिए यह फरमान बना मुसीबत

भोपाल।तमाम दौरै के बाबजूद मध्य प्रदेश की शिक्षा का स्तर दक्षिण कोरिया के बराबर भले न हो पाये लेकिन मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग में पदस्थ अधिकारी हैं कि प्रयोग पर प्रयोग किए जा रहे हैं। ताजा फरमान प्राइमरी और मिडिल स्कूल के सरकारी शिक्षकों के लिए है जिसमें प्रमाण पत्र भरकर उन्हें यह गारंटी देनी है कि सालाना परीक्षा में उनके स्कूल में कितने विद्यार्थी 80 फ़ीसदी नंबर लाएंगे।

मध्यप्रदेश में ऐसे शिक्षकों की संख्या लगभग डेढ़ लाख है ।15 फरवरी तक उन्हें यह फार्रम भर कर देना है। अधिकारियों का कहना है कि शिक्षा के अधिकार के कानून के तहत यह व्यवस्था है और यह जानकारी उसी के तहत मांगी जा रही है। राज्य शिक्षा केंद्र के अंतर्गत 98000 से ज्यादा प्राइमरी और मिडिल स्कूल आते हैं। सरकार के इस निर्णय को लेकर अध्यापक संगठन बेहद नाराज हैं। उनका कहना है कि एक तो शिक्षकों को सालभर ट्रेनिंग और मीटिंगओं के साथ-साथ कई ड्यूटियो में व्यस्त रखा जाता है और उसके बाद अब ऐन परीक्षा के वक्त यह बंधन रखा जा रहा है। उन्होंने दूसरा सवाल यह भी खड़ा किया है कि प्राइवेट स्कूलों के शिक्षकों को इसके दायरे में क्यों नहीं लाया जा रहा जबकि आरटीई उन पर भी लागू है। अध्यापक संघ इस बात की शिकायत अब शिक्षा मंत्री से करने जा रहे हैं।


About Author
न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

न्यूज डेस्क, Mp Breaking News

Other Latest News