भोपाल।
नया साल कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए सौगात ला सकता है। उम्मीद है कि नए साल में तीन साल से बंद पड़े पदोन्नति का रास्ता खुल सकता है। इसके लिए प्रदेश की कमलनाथ सरकार सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अनुमति देने की मांग रखेगी। सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अनुमति मिलने के बाद मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों का प्रमोशन आदेश जारी किया जा सकता है।इस बात के खुद कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने संकेत दिए है।
दरअसल, प्रदेश में बीते साढ़े तीन साल से प्रमाेशन की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है।जिसके चलते हर साल कर्मचारी बिना प्रमोशन लिए रिटायर हो रहे है।अबतक करीब 50 हजार अफसर व कर्मचारी बिना पदाेन्नति के रिटायर हाे चुके है और इतने ही 31 मार्च 2020 काे बिना किसी लाभ के रिटायर हाे जाएंगे।इसके लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इस मामले में सुप्रीम काेर्ट में 28 जनवरी काे सुनवाई हाेनी है। इसी दाैरान राज्य सरकार काेर्ट से सशर्त पदाेन्नति की अनुमति मांगेगी। इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने यथास्थिति को स्थगन में तब्दील कराने का आवेदन सुप्रीम कोर्ट में लगाने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिया है।
इतना ही नही इसके साथ ही यह भी मांग रखी जाएगी कि प्रदेश सरकार को सशर्त पदोन्नति करने की अनुमति दे दी जाए जो सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले के अधीन रहेगी। इसके लिए कर्मचारियों से शपथपत्र भी लिए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट से सशर्त अनुमति मिलने के बाद मध्य प्रदेश के अधिकारी कर्मचारियों का प्रमोशन आदेश जारी किया जा सकता है।कैबिनेट मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि यदि अनुमति मिली तो प्रदेश के 50 हजार अधिकारी कर्मचारियों को प्रमोशन का लाभ मिल सकता है।