भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लेकर गृह विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। और तय माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में 29 नवम्बर को सुबह 11 बजे से प्रदेश के कमिश्नर, कलेक्टर, पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस अधीक्षकों के साथ होने वाली वीडियों कांफ्रेंसिंग में सीएम कमिश्नर प्रणाली की शुरुआत की घोषणा कर सकते है, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश में माफिया के विरूद्ध कार्यवाही, महिला अपराध एवं कानून व्यवस्था पर समीक्षा की जाएगी, लेकिन इस बात की भी पूरी संभावना जताई जा रही है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भोपाल, इंदौर में कमिश्नर सिस्टम को लागू करने का ऐलान कर सकते है। इससे पहले गृह विभाग के अधिकारियों ने पुलिस कमिश्नर के अधिकारों और उनके प्रभाव के साथ डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (डीएम यानि कलेक्टर) के अधिकारों को स्पष्ट करके प्रारूप को तकरीबन फाइनल कर दिया है। आसान भाषा में समझें तो इस सिस्टम के लागू होने के बाद पुलिस को मजिस्ट्रियल पावर मिल जाएंगी। पुलिस को लाठी चार्ज करने और धारा 144 लागू करने के लिए कलेक्टर के आदेश का इंतजार नहीं करना होगा, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने राजधानी भोपाल और मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने का ऐलान किया है। दोनों ही शहरों की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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वही गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी साफ कर दिया था कि भोपाल-इंदौर में पुलिस कमिश्नर सिस्टम नवंबर के अंत तक लागू कर दिया जाएगा। विधि विभाग और वित्त की अनुमति का इंतजार है। गृहमंत्री ने यह भी कहा था कि इस सिस्टम में दोनों बड़े शहरों के तमाम थाने आएंगे। इसके अतिरिक्त ऐसे ग्रामीण थाने जिनमें आधा शहर और आधा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों का आता है, वे थाने भी पुलिस कमिश्नर सिस्टम के अंतर्गत ही आएंगे।
क्या है पुलिस कमिश्नर सिस्टम
आमतौर पर किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में पुलिस अधिकारी बड़े फैसले लेने के लिए स्वतंत्र नहीं होते। इन्हें जिलाधिकारी, मंडल आयुक्त और शासन की ओर जारी होने वाले निर्देशों के आधार पर काम करना पड़ता है। पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस के अधिकार बढ़ जाएंगे। पुलिस कमिश्नर कोई भी निर्णय ले सकेंगे।
सिस्टम लागू होने के बाद पुलिस को कौन से अधिकार मिलेंगे
पुलिस को मजिस्ट्रेट के कई अधिकार मिलेंगे। कार्रवाई करने के लिए मजिस्ट्रेट के अधिकार डीसीपी और एसीपी को मिल जाएंगे। सरकार शहर की स्थिति के आधार पर डीसीपी की तैनाती करेगी जो एसपी रैंक के होंगे। आर्म्स, आबकारी और बिल्डिंग परमिशन के लिए दी जाने वाली NOC पुलिस जारी कर सकेगी। इसके अलावा क्षेत्र में धारा 144 लागू करने, लाठीचार्ज करने और धरना प्रदर्शन-रैलियों की अनुमति देने का आधिकार भी पुलिस के पास होगा।
कहां-कहां लागू है पुलिस कमिश्नर सिस्टम
देश के कई राज्यों में पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू है। इनमें पंजाब, हरियाणा, ओडिशा और राजस्थान शामिल है, शहरों की बात करें तो देश के 71 शहरों में यह सिस्टम पहले से ही है। मध्य प्रदेश में लागू होने वाला पुलिस कमिश्नर सिस्टम दूसरे महानगरों की तरह ही होगा या इसमें कुछ बदलाव होंगे, यह लागू होने के बाद ही पता चलेगा।
पुलिस कमिश्नर सिस्टम लागू करने की नौबत क्यों आई
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है, भोपाल और इंदौर दोनों शहरों की आबादी बढ़ रही है। शहरों में अपराध को रोकने और कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए पुलिस कमिश्नर सिस्टम को लागू करने का फैसला लिया गया है।