भोपाल डेस्क रिपोर्ट। 2023 में मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Assembly Election) में जाने का सपना देख रहे बीजेपी के जिला अध्यक्षों को निराशा हाथ लग सकती है। सत्ता में बरकरार रहने के लिए पार्टी जिला अध्यक्षों को चुनाव से दूर रखने का फैसला कर सकती है, मिशन 2023 के लिए बीजेपी की तैयारी जोरों पर है, सत्ता और संगठन दोनों ने पूरी ताकत के साथ सत्ता में वापसी की कवायद तेज कर दी है अभी कुछ दिन पहले ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार के कामकाज को लेकर पचमढ़ी में दो दिन मैराथन बैठक की जो अपने आप में रिकॉर्ड बन गई और इसमें कई महत्वपूर्ण जनहित के निर्णय लिए गए।
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इसके साथ ही गुरुवार को बीजेपी मुख्यालय में संगठन की बड़ी बैठक हुई जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश महामंत्री हितानंद शर्मा और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी शिरकत की। इस बैठक में कैलाश विजयवर्गीय ने सुझाव दिया कि पार्टी को आगामी विधानसभा चुनावों में जिला अध्यक्षों को टिकट नहीं देना चाहिए।
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उनका कहना था कि अगर जिला अध्यक्ष चुनाव लड़ते हैं तो फिर पार्टी की संगठनात्मक गतिविधिया प्रभावित होती है। जब जिला अध्यक्ष चुनावी मैदान से दूर रहेंगे तो वे बेहतर ढंग से अपनी संगठनात्मक गतिविधियों को अंजाम दे पाएंगे। साफ है कि पार्टी आगामी चुनावों में किसी भी तरह की कसर छोड़ना नहीं चाहती और 2018 की गलती किसी भी हाल में दोहराना नहीं चाहेगी। ऐसे में उन जिला अध्यक्षों की उम्मीदों पर पानी फिर सकता है जो अगले चुनाव लड़ने के सपने देख रहे हैं।