CM का संदेश नहीं पढ़ पाने वाली मंत्री की शैक्षणिक योग्यता पर उठ रहे सवाल

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भोपाल।

26  जनवरी गणतंत्र दिवस पर मुख्यमंत्री कमलनाथ का संदेश ना पढ़ पाने वाली कैबिनेट मंत्री इमरती देवी की मुश्किलें अब बढ़ती नजर आ रही है। इस घटनाक्रम के बाद उनकी शैक्षणिक योग्यता पर सवाल उठने लगे है। हर कोई उनकी शैक्षणिक योग्यता जानने में लगा हुआ है। हालांंकि विधानसभा चुनाव के दौरान दी गई जानकारी में उन्होंने अपने आप को भिंड के एक सरकारी स्कूल से राज्य ओपन बोर्ड की हायर सेकंडरी परीक्षा पास होना बताया है। अब सवाल ये है कि जब मंत्री हायर सेकंडरी पास है तो वो संदेश क्यों नही पढ़ पाई। बताते चले कि इससे पहले वित्तमंत्री तरुण भनोट की शिक्षा को लेकर सवाल उठे थे।

2018 के हालिया चुनाव के हलफनामे के मुताबिक इमरती देवी ने 2009 में भिंड के एक सरकारी स्कूल से राज्य ओपन बोर्ड की हायर सेकंडरी परीक्षा पास होना बताया है। 2013 के चुनावी हलफनामे में भी यही जानकारी है। लेकिन 2008 में जब वे पहली बार विधायक निर्वाचित हुई थीं, तबके हलफनामे में भी उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंडल से हायर सेकंडरी पास होना बताया था।  लेकिन इसमें पासिंग ईयर का जिक्र नहीं हैं। ऐसे मे अब उनकी शिक्षा पर सवाल उठने लगे है।हर कोई यह जानने में लगा है कि आखिर मंत्री जी कहां तक पढ़ी हुई है जो वो संदेश नही पढ़ पाई। अब सवाल ये है कि मंत्रीजी ने आखिर 12वीं पास कहां से की।

दरअसल, 26 जनवरी को इमरती देवी ग्वालियर जिला मुख्यालय में आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि हिस्सा लेने पहुंची थीं। कार्यक्रम के दौरान उन्हें वहां मौजूद लोगों को संबोधित करना था। हालांकि जैसे ही वह पोडियम पर भाषण पढ़ने आईं, वह उसे पढ़ने में अटकने लगीं। पास ही खड़े कलेक्टर ने उनकी मदद करनी चाही, जिसके बाद मंत्री ने कलेक्टर को ही भाषण पढ़ने के लिए दे दिया और खुद नीचे उतर गईं। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हुआ था और कमलनाथ सरकार के मंत्रिमंडल पर सवाल भी उठे थे। हालांकि विवाद बढ़ने पर मंत्री इमरती देवी ने सफाई भी दी है। उन्होंने कहा मैं पिछले दो दिनों से बीमार थी। ज्यादा देर खड़े होने पर तकलीफ होती है। आंखों के सामने अंधेरा छाने के कारण संदेश नहीं पढ़ सकी।  आप डॉक्टर से पूछ सकते हैं। लेकिन सबकुछ ठीक है। कलेक्टर ने सही तरीके से मेरे भाषण को पढ़ा।

गौरतलब है कि भारतीय राजनेताओं की शिक्षा पर विवाद कोई नया मामला नहीं है। इमरती देवी तो मध्यप्रदेश की कैबिनेट मंत्री हैं खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की शिक्षा कहां से हुई इस पर बीते पांच सालों से रहस्य बरकरार है। वही दिल्ली सरकार के मंत्री जितेंद्र सिंह तोमर की कुर्सी इसलिए चली गई कि उनकी डिग्री फर्जी थी।इसके साथ ही केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की शिक्षा भी रहस्य बनी हुई है। बीते साल उनकी डिग्री पर जमकर बवाल भी मचा था। लेकिन अब तक स्पष्ट नही हो पाया है कि मोदी और ईरानी की शिक्षा कहां से और कहां तक हुई है।

पहले भी चर्चाओं में रह चुकी है इमरती देवी

इमरती देवी हमेशा अपने बयानों से चर्चा में रही है। हाल ही उन्होंने कहा था कि भोपाल में मंत्रालय में फाइलों की गठरी लाकर रख दी जाती है, जिन्हें देखकर मुझे नींद आने लगती है।इसके पहले शपथ ग्रहण करने के बाद कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को सिर्फ अपना नेता नहीं, बल्कि भगवान बताया था। उन्होंने कहा था मैं उनकी (ज्योतिरादित्य सिंधिया) पूजा करती हूं। इमरती देवी ग्वालियर के डबरा से विधायक हैं। 

दिग्विजय के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की पत्नी भी उठा चुकी है सवाल

मध्यप्रदेश के कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई लक्ष्मण सिंह की पत्नी रुबीना शर्मा सिंह ने भी ट्वीटर के माध्यम से मंत्री के संदेश ना पढ़ने पर सवाल उठाए थे । उन्होंने सोशल मीडिया पर मंत्री इमरती देवी का वीडियो शेयर करते हुए सीएम कमलनाथ के मंत्री चयन पर सवाल खड़े करते हुए लिखा था कि हमारे माननीय मंत्री मुख्यमंत्री के संदेश को पढ़ने में दिक्कत का सामना करना पढ़ रहा है जिसे किसी ओर ने पढ़ा। ये कितना शर्मनाक है! मख्यमंत्री जी क्या यही आपके द्वारा चुने गए मंत्री की विशेषता है।हालांकि सियासत गर्माने के बाद उन्होंने सफाई पेश की थी और कहा था कि मीडिया ने ट्वीट को कुछ ज्यादा ही हाइप दे दी, जबकि वे एक हाउसवाइफ है। हालांकि, ट्विटर हैंडल पति लक्ष्मण सिंह को मंत्रीमंडल में शामिल नहीं किए जाने का दर्द भी साफ झलका। उन्होंने ट्वीट किया, 30 साल से वे राजनीति में हैं। 8 बार चुनाव जीत चुके हैं। लेकिन इसके बावजूद इस तरह (उनका इशारा महिला बाल विकास मंत्री इमरती देवी की ओर था) के लोगों को आपके (पति) ऊपर तरजीह देकर मंत्री बनाया गया है।


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