राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा जल्द पहुंचेगी मध्यप्रदेश, बुरहानपुर जिले से जल्द हो सकती है प्रदेश में एंट्री

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा नवंबर माह में मध्य प्रदेश मैं एंट्री करने वाली है। जानकारी के मुताबिक राहुल की यह यात्रा मध्यप्रदेश के बुरहानपुर से दाखिल होगी। इस बात को मद्देनजर रखते हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और कार्यकर्ता पूरे जोरों शोरों से तैयारियों में जुट गए हैं। खबरों की मानें तो राहुल पूरे 16 दिन मध्यप्रदेश में इस यात्रा के तहत विभिन्न जिलों में भ्रमण करेंगे जिसमें महाकाल की नगरी उज्जैन भी शामिल है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज नेता और भारत जोड़ों की टीम जो इस वक्त मध्यप्रदेश में आ चुकी है राहुल की इस यात्रा का रोडमैप तैयार करने में जुट चुके हैं। यह तैयारियां करने में 1 से 2 दिन का समय लग सकता है।

कैसे हो रही है तैयारियां?

कांग्रेस के दिग्गज नेता और भारत जोड़ो यात्रा की टीम द्वारा रूट मैप तैयार करने के बाद बनाए गए सभी जिला प्रभारी राहुल की यात्रा में शामिल होने मध्यप्रदेश से बाहर जाएंगे और वहां देखेंगे की यात्रा का आयोजन किस तरह से किया जा रहा है और किस तरह से यात्रा का मैनेजमेंट किया जा रहा है। इसके बाद सभी प्रभारी वापस मध्यप्रदेश में आकर जिस तरह का प्रबंधन यात्रा के दौरान किया जा रहा है उस तरह के प्रबंधन की व्यवस्था मध्यप्रदेश में करेंगे।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।