भोपाल।
मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर कांग्रेस सजग हो गई है और नित नए तरीके तलाश रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राउंड टेबल पर कई बड़े उद्योगपतियों से मुलाकात की और निवेश के बारे में चर्चा की। बैठक के बाद कमलनाथ ने बताया कि वे पहले पुराने निवेश क्यों बंद हुए इसका पता लगाएंगें और फिर नए उद्योग शुरु करेंगें। उन्होंने उद्योगपतियों को भरोसा दिलाया कि जो उद्योग जितना अधिक रोज़गार देगा, उसे उतनी अधिक सुविधाएँ मिलेगी । वही दूसरी तरफ दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने बंगले पर छोटे व्यापारियों से मुलाकात की और उनकी राय जानी। इसके बाद सीधे कमलनाथ को फोन लगाया और निवेश को लेकर कई बातों पर चर्चा की।
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात की तर्ज पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘अपनी बात राहुल के साथ’ की शुरुआत की है। इस सिलसिले में राहुल ने मंगलवार को राजधानी दिल्ली के आंध्र भवन में करीब एक दर्जन छोटे व्यापारियों के साथ दोपहर के खाने पर करीब एक घंटे चर्चा की। इस दौरान व्यापारियों ने जीएसटी से जुड़ी समस्याएं गिनाईं और भी तमाम सुझाव दिए।लेकिन इनमें सबसे खास इंदौर से आए छोटे व्यापारी संजय पटवर्धन रहे। उन्होंने राहुल को हैंडलूम उद्योग को लेकर अपने सुझाव दिए। संजय ने बताया कि, यह मध्य प्रदेश में दूसरे नंबर का उद्योग है जो रोजगार दे सकता है।संजय की बात सुन सभी अचंभित हो गए और पूरे सभाग्रह में उनकी तारीफ होने लगी। संजय की बातों से राहुल इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने सीधा अपना मोबाइल निकाला और मुख्यमंत्री कमलनाथ को मिला दिया। पहले राहुल ने कमलनाथ से खुद हैंडलूम को लेकर बात की और फिर कमलनाथ से संजय की बात भी कराई। कमलनाथ से बात करने के बाद राहुल ने कमलनाथ से संजय की मीटिंग भी फिक्स करवा दी। राहुल का ये अंदाज देखकर सभी का चौंकना लाजमी था।
लोकसभा चुनाव से पहले राहुल की ये मीटिंग काफी अहम मानी जा रही है। इस अभियान के तहत कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी छोटे-छोटे समूहों में समाज के विभिन्न वर्गों से कभी लंच तो कभी डिनर पर मिल रहे हैं। इस तरह की बैठकों में हर वर्ग के लोग भाग ले रहे है और कांग्रेस के साथ देने की बात कर रहे है। बैठकों में लोगों से मिले सुझावों से ये सामने आया है कि देश का भविष्य राहुल गांधी के साथ सुनहरा है। इससे पहले राहुल ने छात्रों से डिनर पर चर्चा की थी। सूत्रों के मुताबिक राहुल हर हफ्ते इसी तरह के समूह से मिलने वाले हैं जिनमें फिल्म स्टार से लेकर अलग-अलग पेशे के लोग शामिल हो सकते हैं। दिलचस्प ये है कि ऐसी मीटिंग में आने वालों को आखिरी तक ये नहीं बताया जाता कि राहुल गांधी उनसे मिलने वाले हैं। राहुल की टीम इस तरह की मीटिंग के दौरान हुई चर्चा और लोगों के अनुभव का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करती है।