रेरा के रजिस्ट्रार पद से पूर्व IAS रूपला का इस्तीफ़ा, नियुक्ति पर उठे थे सवाल

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भोपाल| नई सरकार में रेरा के रजिस्ट्रार पद पर नियुक्त किए गए एसएन रूपला ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है| इस नियुक्ति के होते ही कमलनाथ सरकार की किरकिरी हो रही थी| सरकार ने शिवराज के साथ ओएसडी बनकर काम करने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी एसएन रूपला को भू संपदा अपीलीय प्राधिकरण (रेरा) का रजिस्ट्रार नियुक्त किया था। उनकी नियुक्ति से सवाल उठ रहे थे| मप्र भू सम्पदा अपीलीय अधिकरण के अध्यक्ष को भेजे गए इस्तीफे में रूपला ने इस्तीफे का कारण निजी बताते हुए त्याग पत्र स्वीकार करने का आग्रह किया है, साथ ही सेवा के अवसर प्रदान करने के लिए आभार जताया है| 

रुपला शिवराज शासनकाल में पूरे समय फील्ड पर पदस्थ रहे। रिटायरमेंट के बाद उनके साथ ही काम कर रहे थे। बीते साल उनके चुनाव लड़ने की भी अटकले तेज थी। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के चलते उन्होंने चुनाव नही लड़ा। रुपला भाजपा शासन काल के दौरान कई जिलों के कलेक्टर रहने के साथ सागर और सेवानिवृत्ति तक ग्वालियर जैसे महत्वपूर्ण संभाग में कमिश्नर भी रहे। प्रशासकीय क्षेत्र और सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा थी कि जो व्यक्ति शिवराज के व्यक्तिगत स्टॉफ में था और जिसने चुनाव के समय शिवराज के ओएसडी की संविदा नियुक्ति से इस्तीफा देकर, पूरे चुनाव के दौरे में उनके साथ साए की तरह लगा रहा, कांग्रेस शासन में एंटोनी डिसा की मेहरबानी से रेरा जैसी महत्वपूर्ण संस्था में महत्वपूर्ण पद पर काबिज हो गया। ऐसे मे सवाल उठना शुरु हो गए है कि क्या रुपला की नियुक्ति सीएम कमलनाथ की सहमति से रेरा के चेयरमैन  एंटोनी डिसा ने की है? डिसा की कृपा से रेरा में रजिस्ट्रार जैसे महत्वपूर्ण पद पर कैसे नियुक्त किया गया ? इसके पीछे क्या वजह रही? क्यो किसी अन्य को मौका नही दिया गया जैसे सवाल उठ रहे थे| 

आदेश पर भी था बवाल

इसके साथ ही पूर्व आईएएस अधिकारी एसएन रूपला के भू संपदा अपीलीय प्राधिकरण (रेरा) का रजिस्ट्रार नियुक्त किए जाने के आदेश पर भी बवाल मचा हुआ है। आदेश में यह लिखा हुआ है कि वे तब  तक इस पद पर बने रहेंगे जब तक सरकार अलग से कोई आदेश जारी कर उन्हें सेवा से पृथक नहीं करती । उनकी संविदा नियुक्ति में यह भी लिखा है कि उनके कार्य से संतुष्ट होने के बाद उनकी सेवा आगे भी बढ़ाई जाती रहेगी। इसके लिए प्रथक से आदेश जारी करने की कोई जरूरत नहीं होगी ।आदेश में यह भी उल्लेख है कि रेरा के रजिस्ट्रार के रूप में उन्हें ₹85 हजार का मासिक वेतन मिलेगा ।उन्हें शासकीय सेवा काल के समय खासकर सेवानिवृत्ति के समय जिस तरह की सुविधाएं उनके पास थी, वह सभी सुविधाएं मिलती रहेंगी। आवास और वाहन की पात्रता भी रहेगी । उन्हें शासकीय सेवक व अन्य सेवा नियमों की तरह पात्रता भी होगी। 

रेरा के रजिस्ट्रार पद से पूर्व IAS रूपला का इस्तीफ़ा, नियुक्ति पर उठे थे सवाल


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