भोपाल। कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को घेरने के लिए बीजेपी ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को मैदान में उतारा है। लेकिन उनके पहले ही बयान से देश भर में सनसनी मच गई। यही नहीं उन्होंंने मुंबई ब्लास्ट में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे के बारे में विवादित बयान दिया था। जिसकी निंदी अन्य राजनीतिक दलों ने भी की। यही नहीं प्रज्ञा का ये दांव उनके साथ बीजेपी पर भी भारी पड़ गया। पार्टी को सफाई तक पेश करना पड़ी और शुक्रवार शाम तक उन्हें अपने बयान के लिए माफी भी मांगनी पड़ी। भोपाल में भी इस बयान से गहरी नाराजगी है जिससे अब दूर करने और डैमेज कंट्रोल के लिए संघ ने मोर्चा संभाल लिया है।
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व समेत प्रदेश के नेताओं ने प्रज्ञा को अपने बयान के बारे में माफी मांगने और सफाई देने के लिए कहा था। लेकिन प्रज्ञा ने बीजेपी नेताओं की बात को दरकिनार कर दिया, जिसके बाद आरएसएस ने मोर्चा संभाला। संघ के एक बड़े नेता ने साध्वी को समझाइश देते हुए कहा कि वह अपना बयान वापस लें और इस बारे में माफी मांग ले जिससे ये विवाद थम जाए। पार्टी ने अब नेताओं को साध्वी के बयाने देने से लेकर उनके हर कदम पर एहतीयात बरतने के लिए कहा है। प्रज्ञा राजनीतिक पृष्ठभूमि से नहीं आती हैं, उन्हें मौके की नजाकत के हिसाब से बयान देना नहीं आता। वह संवेदशील मामले पर क्या कह रही हैं और उसका व्यापक स्तर पर क्या असर होगा इस बात से वह अंजान हैं। सूत्रों के मुताबिक इसलिए अब उनके बयान से पहले बीजेपी प्रवक्ता उनकी मदद करेंगे। जिससे आने वाले समय में किसी और तरह की कोई बयानबाजी से विवाद पैदा न हो। क्योंकि इसका भारी नुकसान बीजेपी को उठाना पड़ सकता है। देश भर में पार्टी की पहले ही किरकिरी हो चुकी है।
गौरतलब है कि शुक्रवार को हेमंत करकरे मुंबई में हुए आतंकी हमले में आतंकवादियों की गोलियों का शिकार हुए थे। इसके अलावा जिस केस में साध्वी प्रज्ञा आरोपी थीं, उस मालेगांव सीरियल ब्लास्ट की जांच उनके पास ही थी। हालांकि, उनकी चार्जशीट पर कई तरह के सवाल खड़े हुए थे। बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ भोपाल लोकसभा सीट से उतारा है। प्रज्ञा ���ाकुर और दिग्विजय सिंह एक-दूसरे के खिलाफ पहले कई बार निशाना साध चुके हैं। प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि दिग्विजय सिंह द्वारा भगवा आतंकवाद और हिन्दू आतंकवाद शब्द कहना गलत है।