कहीं सलमान रुश्दीऔर तस्लीमा नसरीन सा हश्र ना हो इस अधिकारी का

Published on -

भोपाल, हरप्रीत कौर रीन। अपनी बेबाकी और धार्मिक मसलो पर राय को लेकर देश भर में चर्चा में रहे मध्य प्रदेश सरकार के अधिकारी नियाज खान फिर सुर्खियों में है। दरअसल दिसंबर में लांच होने वाले अपने उपन्यास में नियाज खान में इस बार आईएसआईएस और इस्लामिक संगठन आईएसआईएस पर निशाना साधा है।

MP News: 20 दिसंबर से शुरू होगा विधानसभा का आगामी शीतकालीन सत्र, अधिसूचना जारी

नियाज खान का नया उपन्यास अभी ‘वी रेडी टू डाई’ दिसंबर में बाजार में आ जाएगा। लंबी रिसर्च के बाद इस बार यह उपन्यास यजीदी धर्म के अनुयायियों पर आधारित है। नियाज खान ने इस उपन्यास में बताया है कि यजीदी ही एक दुनिया की अकेली ऐसी कौम है जिसका कोई संरक्षक नहीं है। इनकी पूजा पद्धति हिंदू जैसी है। इन्हें सिर्फ इसलिए माना जाता है क्योंकि वह इस्लाम के बीच में रहते हैं।

आखिर किसने लगाई फटकार कि एसी केबिन छोड़कर खुद RTO को उतरना पड़ा सड़क पर

नियाज का कहना है कि वे इस उपन्यास के माध्यम से दुनिया का ध्यान यजीदियो की ओर ले जाना चाहते हैं और भारत को भी इस कौम का संरक्षक बन आगे बढ़ना चाहिए। नियाज ने बताया है कि आईएसआईएस ने 2003 में यजीदियों की 3000 महिलाओं के साथ रेप किया है और 10000 लोगों की हत्या की है। यजीदी सीरिया, टर्की, जाजिया और इराक में पाए जाते हैं। इनका पहनावा, भाषा और पहनावा ओढावा मुस्लिम जैसी है लेकिन पूजा पद्धति हिंदू जैसी है। इनकी पूजा स्थल लालिश मंदिर होते हैं जिनके मुख्य द्वार पर सर्प होता है। हिंदुओं की तरह मोर को पूछते हैं। इस्लाम में शैतान माने जाने वाले ताउम मलिक इन के सबसे बड़े देवता है। नियाज का कहना है कि इस उपन्यास के माध्यम से यजीदी कौम का दर्द दुनिया के सामने लाना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि यजीदी भी इंसान हैं और इनका संरक्षण होना चाहिये।

नियाज का यह उपन्यास सचमुच तहलका मचायेगा। लेकिन जिस तरह से उन्होंने इस्लाम धर्म और आई एस आई एस पर टिप्पणियां की हैं कही कहीं उनको लेकर भी सलमान रशदी और तस्लीमा नसरीन सा रवैया अपनाया जाए क्योंकि इतिहास गवाह है कि इस्लाम धर्म के खिलाफ लिखने पर अक्सर कटु आलोचनाओं का सामना लोगों को करना पड़ता है।

कहीं सलमान रुश्दीऔर तस्लीमा नसरीन सा हश्र ना हो इस अधिकारी का


About Author

Harpreet Kaur

Other Latest News