भोपाल।
ट्रेन में यदि बिना टिकट के सफर करते हुए स्कूली बच्चा मिला तो रेलवे उस बच्चे को नहीं पकड़ेगा। बल्कि बच्चा जिस स्कूल की पढता है उस स्कूल की ‘क्लास’ लगाएगा। जी हां अब रेलवे बिना टिकट के सफर कर रहे स्कूली बच्चों पर लगाम कसने के लिए उनके स्कूलों पर सख्ती करने जा रहा है। दरअसल रेल में अगर बच्चा बिना टिकट सफर करते हुए पाया जाता है। तो रेलवे इसका दोषी स्कूल को मानेगा। इस नियम को लागू करने से पहले रेलवे स्कूली बच्चो को नियमों की जानकारी देगा। इसके लिए निजी स्कूलों की सूची तैयार की जा रही है। जहां रेलवे नियमों की जानकारी दी जाएगी। इसके बाद भी अगर बच्चा बिना टिकट सफर करते हुए पाया जाता है तो स्कूल का नपना तय है।
इस व्यवस्था की शुरूआत जबलपुर मंडल से हो चुकी है। जल्द ही भोपाल और कोटा मंडल में भी इसे लागू किया जाएगा। जबलपुर में रेलवे के द्वारा जो पत्र स्कूलों को लिखे गए हैं। उसमें उन्होने स्कूल से ऐसे बच्चों की पहचान करने के लिए कहा है जो डेली ट्रेन से अप-डाउन करते हैं। साथ ही स्कूल उन्हे टिकट लेकर सफर करने के लिए प्रेरित करे। बच्चो को बताए कि बिना टिकट सफर करने पर 300 से 1000 रूपए तक का जुर्माना लगाता है।और जुर्माना नहीं देने वाले को 6 महीने की जेल भी होती है।
इतना ही नहीं एक बार कार्रवाई हो जाने के बाद न तो विद्यार्थी का ना तो कभी पुलिस वेरिफिकेशन होगा और ना ही भविष्य में सरकारी नौकरी कर सकेगा।
रेलवे तीन तरीके से फैलाएगा जागरूकता
रेलवे स्कूलों को पत्र लिखकर देगा नियमों की जानकारी और उसके पालन कराए जाने के लिए करेगा अनुरोध।
रेलवे की जानकारी को स्कूलों के इनफोर्मेशन बोर्ड पर भी लगाया जाएगा।
स्कूलो में लगाई जाएँगी वर्कशॉप।
भोपाल के आस-पास की बात करे तो सीहोर और औबेदुल्लागंज से रोजाना बच्चे राजधानी के स्कूलों में पढने के लिए अप-डाउन करते हैं। इसके लिए वे एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनों में बिना टिकट सफर करते हैं…. बच्चे इस तरह से बिना टिकट सफर ना करें इसलिए रेलवे ने जागरूकता के मकसद से यह कदम उठाया है।