भोपाल। मध्य प्रदेश के मुरैना जिले के जौरा विधानसभा से कांग्रेस विधायक बनवारी लाल शर्मा का शनिवार को निधन हो गया है। वह लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। उनके निधन के बाद अब विधानसभा में 229 विधायक हो गए हैं। कांग्रेस के पास 114 विधायक मौजूद हैं। अब इस सीट पर उप चुनाव होंगे। बनवारी लाल ज्योतिरादित्य सिंधिया के कट्टर समर्थकों में शामिल थे। उनके निधन के बाद यह सीट खाली हो गई है। अब इस सीट पर उपचुनाव में एक बार फिर पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया की परीक्षा होगी। शर्मा के निधन से जहां पार्टी ने अपना एक काबिल नेता खोया है, वही यह सरकार के लिए झटका भी है| शर्मा के नहीं रहने से कांग्रेस की विस सदस्य संख्या वापस 114 पर आ गई है, जिससे एक बार फिर कांग्रेस को बसपा-सपा व निर्दलीय विधायकों के सहारे की जरूरत होगी।
दरअसल, ग्वालियर और चंबल में सिंधिया का वर्चस्व माना जाता है। विधानसभा चुनाव के समय भी सिंधिया के क्षेत्र से सबसे अधिक नुकसान भाजपा को पहुंचा था। बनवारी लाल के निधन के बाद अब सिंधिया के लिए यह सीट दोबारा कांग्रेस की झोली में लाने की जिम्मेदारी रहेगी। राजनीति के पंडितों का मानना है कि कांग्रेस को इस सीट पर आगामी उप चुनाव में जीत मिलने की संभावना है। इस जीत के साथ ही सिंधिया का भी कद एक बार फिर बढ़ जाएगा। फिलहाल सिंधिया को लेकर प्रदेश कांग्रेस स्थिति काफी उथल पुथल है। हाईकमान ने भी उन्हें पीसीसी चीफ बनाए जाने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं किया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ दोहरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
अब देखना होगा क्या इस उपचुनाव से पहले सिंधिया को पार्टी कोई बड़ी जिम्मेदारी सौंपती है या नहीं। साथ ही इस सीट पर सिंधिया को लेकर पार्टी का क्या रवैया रहेगा यह भी चर्चा का विषय बन गया है। क्या पार्टी सिंधिया समर्थक को ही टिकट देगी या किसी और को मौका मिलेगा।