भोपाल| मध्य प्रदेश में 15 साल बाद सत्ता में आई कांग्रेस को हर फैसला लेने में समय लग रहा है| पहले मुख्यमंत्री के नाम को लेकर लम्बी माथापच्ची चली| इसके बाद मंत्रिमंडल तय करने में पांच दिन का समय लगा| अब किस मंत्री को कौनसा विभाग देना है इसको लेकर खींचतान चल रही है| चर्चा है कि मनपसंद विभाग के लिए मंत्रियों ने जोर लगाया है और मामला बड़े नेताओं के बीच एक बार फिर फंस गया है| हालाँकि बुधवार शाम तक विभाग बंटवारे पर फैसला होने की सम्भावना है| इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस में गुटबजी पर तंज कसा है |
पूर्व सीएम शिवराज ने कहा है कि मंत्री तय करने मे गुटबाजी हो रही है, यह मुख्यमंत्री के विशेषाधिकार पर डाका है| उन्होंने कहा है कि कांग्रेस में मंत्रियो के विभाग तक तय नही कर पा रहे हैं | मध्य प्रदेश के इतिहास मे कभी ऐसा नही हुआ| सरकार मे कौन रहेगा, ये नेता तय कर रहे हैं| सीएम ने कहा जनता के हितों का ध्यान रखना चाहिए| बिना मंत्रियों को विभाग दिए कैबिनेट की बैठक हो रही है| हम भी चाहते तो सरकार बनाने का दावा ठोक सकते थे, बहुमत तो कांग्रेस के पास भी नहीं था|
दरअसल, शपथ ग्रहण के दो दिन बाद भी नई सरकार के 28 कैबिनेट मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हो पाया है। बुधवार को सुबह से लेकर देर रात तक चली माथापच्ची के बावजूद कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच वित्त, गृह और परिवहन विभाग को लेकर मामला फंसा रहा। अब दिल्ली दरबार में पार्टी आलाकमान के पास यह मामला पहुंच गया है और अब इसका फैसला भी दिल्ली से ही होगा| संभावना है बुधवार रात तक विभाग बंटवारे को लेकर फैसला हो जाएगा|