लोकसभा अध्यक्ष की टिप्पणी पद की गरिमा के अनुकूल नहीं: शोभा ओझा

Published on -

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने अखिल भारतीय कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी को लेकर लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन द्वारा की गई टिप्पणी को उनके पद की गरिमा के प्रतिकूल बताया है। वहीं ओझा ने बिहार सरकार के मंत्री विनोद नारायण झा के प्रियंका गांधी को लेकर दिए गए बयान की भी आलोचना की है। ओझा के अनुसार राजनीति में गांधी परिवार की सक्रियता से भारतीय जनता पार्टी और उसके नेता डर गए है।

ओझा ने कहा कि सुमित्रा महाजन लोकसभा अध्यक्ष जैसे गरिमामय पद पर आसीन हैं, उन्हें राजनीतिक बयानबाजी से परहेज करना चाहिए। प्रियंका गांधी को लेकर लोकसभा अध्यक्ष का बयान संसदीय गरिमा और प्रतिष्ठा के अनुकूल नहीं कहा जा सकता।  महाजन का यह कहना कि राहुल गांधी ने अपनी बहन को मदद के लिए राजनीति में बुलायाए समझ से परे है। राहुल गांधी स्वयं एक कुशल राजनेता है। उनकी अपनी राजनैतिक सोच और अनुभव है। नेतृत्व क्षमता के धनी राहुल गांधी भारतीय राजनीति के चमकते सितारे हैं। उनकी नेतृत्व क्षमता पर सभी कोंग्रेसजनों को पूरा भरोसा है। दूसरी ओर प्रियंका गांधी भी अनुभवी और कर्मठ राजनेता हैं। राजनीति में उनका पूर्व का अनुभव है। लोकसभा अध्यक्ष को भारतीय जनता पार्टी की भाषा नहीं बोलना चाहिए, क्योंकि विधायिका में उनके पद को निर्विवाद एवं निष्पक्ष माना गया है। इससे अच्छा होता कि वे महिला एवं वरिष्ठ राजनेता होने के नाते प्रियंका गांधी के राष्ट्रीय महासचिव नियुक्त होने का स्वागत करती।

शोभा ओझा ने बिहार के मंत्री विनोद नारायण झा द्वारा प्रियंका गांधी पर दिए गए बयान को ओछी और कुंठित मानसिकता से प्रेरित बताया है। श्री झा द्वारा यह कहना कि प्रियंका गांधी सुंदर है परंतु सुंदरता से वोट नहीं मिलते, उनके निम्न स्तरीय राजनीतिक सोच को परिलक्षित करता है। श्री झा का बयान पूरी तरह से महिला विरोधी और निंदनीय है, जिस आधार पर उन्होंने बयान दिया है उससे उनकी पार्टी की बौखलाहट और घबराहट पता चलती है। राहुल गांधी के बाद प्रियंका गांधी की सक्रियता से श्री झा जैसे नेताओं और उनकी पार्टी को आगामी लोकसभा चुनाव में हार का डर अभी से सताने लगा है।


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News