भोपाल। दो लाख करोड़ से अधिक कर्ज से जूझ रहे मध्य प्रदेश में अब नई सरकार फंड बचाने के प्रयास कर रही है। खबर है कि प्रदेश में इलाज के लिए मिलने वाली मुख्यमंत्री विवेकाधीन निधि और राज्य बीमारी सहायता योजना एक अप्रैल से बंद करदी जाएगी। इस योजना को आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के साथ जोड़ा जाएगा। राज्य बीमारी सहायता योजना के तहत अभी तक इलाज के लिए 20 हजार से दो लाख तक रुपए की मदद दी जाती है। लेकिन अब इस योजना को साल के अंत तक बंद करने की तैयारी है।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओएसडी अरूण भट्ट ने बताया कि मुख्यमंत्री सहायता योजना के तहत 120 करोड़ रुपए इस साल के लिए आवंटित किए गए थे। इससे पहले ये फंड 140 करोड़ रुपए किया गया था। डॉ. हिमांशु जायसवाल, राष्ट्रीय वेक्टर जनित नियंत्रण कार्यक्रम अधिकारी, ने कहा कि यह तय किया गया है कि जब मध्यप्रदेश में आयुष्मान भारत राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (AB-NHPS) शुरू की गई है, तब राज्य द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजनाओं को जारी रखने की कोई आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि उपचार के उद्देश्य और राज्य बीमा सहायता योजना के लिए दी जाने वाली मुख्यमंत्री विवेकाधीन निधि 1 अप्रैल से पूरी तरह से बंद हो जाएगी। चिकित्सा उपचार के लिए मुख्यमंत्री निधि को पीएम नरेंद्र मोदी की आयुष्मान भारत योजना के साथ मर्ज किया जाएगा। इसी तरह, राज्य बीमा योजना को बंद कर दिया जाएगा
हालांकि, उन्होंने ये साफ कर दिया कि हम सीएम विवेकाधीन कोष के तहत मामलों पर विचार कर रहे हैं। इसे आधिकारिक तौर पर बंद नहीं किया गया है। जब इसको आयुष्मान योजना के साथ मर्ज कर दिया जाएगा उसके बाद ही इस फंड को बंद किया जाएगा। सीएमएचओ डॉ. एनयू खान ने बताया कि फिलहाल हम जो आवेदन आ रहे हैं उन्हें मुख्यमंत्री विवेकाधीन निधि के तहत की स्वीकार कर रहे हैं। इसके अलावा आयुष्मान योजना के बारे में अभी तक कई गंभीर बीमारियों में सहायता देने के लिए तस्वीर साफ नहीं है। इसलिए कई मामले मुख्यमंत्री विवेकाधीन निधि के तहत की स्वीकार किए जा रहे हैं।