भोपाल। विधानसभा चुनाव के लिए 28 नवंबर को मतदान होने के बाद से लेकर मतगणना से पहले तक कांग्रेस एवं भाजपा ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप लगाते रहे, लेकिन मतगणना के दौरान जो नतीजे सामने आए हैं उन्हें देखकर किसी भी दल के नेताओं ने ईवीएम पर सवाल नहीं उठाए हैं। पिछले पांच साल में ऐसा पहली बार है कि जब किसी दल ने ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर सवाल नहीं उठाए।
मतदान के बाद से सबसे ज्यादा शिकायतें ईवीएम की छेड़छाड़ की संभावना से जुड़ी मिलीं। प्रदेश कांग्रेस की ओर से ईवीएम में छेड़छाड़ के लिए भाजपा पर आरोप लगाए साथ ही कांग्रेस की शिकायत पर ईवीएम की सुरक्षा में लापरवाही करने वाले कई अधिकारियों पर कार्रवाई भी की। सागर, खरगोन, उमरिया जिले मेें मतदान के दो एवं तीन दिन बाद खाली ईवीएम स्ट्रांग रूप में पहुंचने के बाद कांग्रेस ने ईवीएम में गड़बड़ी की संभावना जताई। इसके लिए पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ ने सभी पार्टी प्रत्याशी एवं जिलाध्यक्षों को ईवीएम की सुरक्षा खुद करने का फरमान जारी किया। राजधानी भोपाल समेत अन्य जिलों में कांग्रेस प्रत्याशियों ने स्ट्रांग रूप में बाहर 24 घंटे पहरा दिया।
आयोग को देनी पड़ी सफाई
ईवीएम एवं स्ट्रांग रूम में गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस ने मुख्य निवार्चन पदाधिकारी से लेकर दिल्ली में मुख्य चुनाव आयुक्त तक शिकायत की। पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस के एक प्रतिनिधि मंडल ने मप्र में ईवीएम से छेड़छाड़ की संभावना जताते हुए कड़ी सुरक्षा की मांग की थी। हालांकि आयोग को बार-बार सफाई देनी पड़ी की चुनाव में इस्तेमाल किसी भी ईवीएम से कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है। सभी ईवीएम समय पर स्ट्रांग रूम में रखी जा चुकी हैं।