भोपाल।
लोकसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने भी तैयारियां शुरु कर दी है।आयोग अब उन अफसरों को हटाने जा रहा है जिन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान राजनैतिक दलों के पक्ष में काम किया और जो एक ही स्थान पर तीन साल से जमे हुए है। खबर है कि अबतक करीब एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की शिकायतें की जांच के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के पास प्रस्ताव भेजा जा चुका है। जल्द ही इन पर कार्रवाई की जाएगी ताकी शिकायते कम हो और लोकसभा चुनाव में पारदर्शिता हो। बताते चले कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव से पहले भी इसी तरह तबादले किये गए थे। इसके अलावा चुनाव ड्यूटी में तैनात किए गए अधिकारी-कर्मचारी को नामांकन दाखिल होने के दो दिन बाद यह भी जानकारी देना होगी कि, उनका कोई रिश्तेदार चुनाव नहीं लड़ रहा साथ ही घोषणा पत्र में यह भी बताना होगा कि उन पर कोई आपराधिक प्रकरण नहीं है।
दरअसल, चुनाव आयोग के निर्देशानुसार 3 साल से जमे अधिकारी-कर्मचारियों का ट्रांसफर किया जाएगा। खास बात यह कि इस बार इस दायरे में उन अधिकारी-कर्मचारियों को भी शामिल किया जाएगा जिनके 3 साल 31 मई 2019 को हो रहे हैं। इसके अलावा उन अधिकारियों को भी बदला जाएगा जिन्होंने अगस्त 2017 के पहले हुए चुनाव में सीधी भूमिका निभाई हो। इस मामले में आयोग को दर्जनों शिकायते भी मिली है। शिकायतों में इस बात का उल्लेख किया गया है कि उक्त अधिकारी विधानसभा चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, बसपा सहित अन्य दलों के पक्ष में काम कर रहे थे, ये अधिकारी पिछले तीन साल से अधिक समय से एक ही स्थान पर जमे हुए हैं। इन्हें तुरंत यहां से हटाया जाए। आयोग ने शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है।इसके लिए सभी विभागों को 28 फरवरी तक का समय दिया गया है।इसके बाद तबाड़तोड़ तबादले किए जाएंगें।
पिछले चुनाव की शिकायतों पर भी किया जाएगा गौर
वही आयोग उन जिलों पर भी गौर कर रहा है जहां से विधानसभा चुनाव के दौरान ज्यादा शिकायतें आई थी, उनकी भी समीक्षा की जाएगी।पंचायत अधिकारी, इंजीनियर, प्राध्यापक, नगरीय निकाय के अधिकारी-कर्मचारी अथवा अन्य अधिकारी एक ही स्थान पर लंबे समय से जमे हुए हैं, अगर ऐसे अधिकारियों की शिकायतें विधानसभा चुनाव के दौरान आईं थीं तो उन्हें भी हटाया जाएगा। यह कार्रवाई लोकसभा चुनाव से पहले की जाएगी, जिससे इस तरह की शिकायतें में कमी आ सके।
गृह जिले में नहीं होगी पोस्टिंग
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि यदि उप निरीक्षक तीन साल से एक ही जगह पदस्थ हैं तो उसे दूसरे सब डिवीजन में पदस्थ किया जाए। यह सब डिवीजन उस विधानसभा क्षेत्र का नहीं होना चाहिए, जहां वह पहले पदस्थ रहा हो। ऐसी सूरत में यदि जिला छोटा है तो फिर उसका दूसरे जिले में तबादला किया जाए साथ ही गृह जिले में पदस्थापना नहीं होना चाहिए।
इनका किया जा सकता है ट्रांसफर
तीन साल से एक स्थान पर काम कर रहे रिटर्निंग ऑफिसर, सहायक रिटर्निंग ऑफिसर, अतिरिक्त कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, उप पुलिस अधीक्षक, थानेदार, रक्षित निरीक्षक और सहायक उप निरीक्षक को बदला जाएगा। पुलिस विभाग की विशेष शाखा, प्रशिक्षण और कंप्यूटराइजेशन के काम में लगे अधिकारी भी आयोग के प्रावधान के दायरे में आएंगे। पिछले लोकसभा चुनाव में पदस्थ अधिकारी को भी बदला जाएगा।