भोपाल। कमलनाथ कैबिनेट के शपथ समारोह से विधानसभा चुनाव में हार झेलने वाले दिग्गज कांग्रेसी नेताओं की अनुपस्थित चर्चा का विषय रही। शपथ समारोह में पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह, कार्यवाहक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामनिवास रावत, मुकेश नायक, सुरेश पचौरी एवं अन्य कांग्रेसी नेता गैर हाजिर रहे। जबकि पहले इनमें से कुछ नेताओं को मंत्री बनाने की अटकलें थीं।
रामनिवास रावत वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष भी हैं। क्योंकि पार्टी हाईकमान ने छह महीने पहले प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ की नियुक्ति के साथ ही चार कार्यवाहक अध्यक्षों की नियुक्ति की थी। इनमें से जीतू पटवारी, बाला बच्चन, सुरेन्द्र चौधरी चुनाव जीत गए, लेकिन रामनिवास रावत चुनाव हार गए। ऐसे में उन्हें पिछड़ा वर्ग कोटे से प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग भी उठ रही है। हालांकि मुख्यमंत्री कमलनाथ अगले लोकसभा चुनाव तक मुख्यमंत्री पीसीसी अध्यक्ष बने रह सकते हैं।
तीन पूर्व मुख्यमंत्री रहे मौजूद
शपथ समारोह में तीन पूर्व मुख्यमंत्री मौजूद रहे। इनमें कैलाश जोशी, बाबूलाल गौर भाजपा से हैं। जबकि दिग्विजय सिंह भी शपथ समारेाह में पहुंचे। जबकि पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शपथ समारेाह में नहीं पहुंचे। वे इन दिनों प्रदेश का प्रवास कर रहे हैं। वे कटनी, उमरिया के प्रवास पर थे।
अखिलेश भी हुए नाराज
दिल्ली में मंत्रिमंडल में गुटीय, क्षेत्रीय व सामाजिक संतुलन बनाने के प्रयास अंतिम क्षणों तक जारी रहे। वहीं चर्चा के अनुसार 2019 के चुनावों को देखते हुए व अलावा परफॉर्मेंस व क्षेत्रीय जातीय समीकरण के आधार पर संख्या तय की गई है। लेकिन मांतिमंडल गठन के बाद कांग्रेस की मुश्किलें भी बढ़ गई है| कई दिग्गज नेताओं को मंत्री पद नहीं मिला| जिसको लेकर आक्रोश सामने आ रहा है| वहीं जिनके समर्थन से कांग्रेस सरकार बनाने में सफल हुई उन्हें भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया| चर्चा है कि सपा और बसपा विधायकों ने शपथ ग्रहण से दूरी बनाई। भोपाल में रहते हुए ये शपथ समारोह में शामिल नहीं हुए। सपा विधायक राजेश शुक्ला और बसपा के भिण्ड विधायक संजीव सिंह राजभवन में शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए। वहीं सपा प्रमुख ���खिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा मैं कांग्रेस को धन्यवाद देता हूँ कि उन्होंने मध्य प्रदेश में हमारे विधायक को मंत्री नहीं बनाया। अब हमारा रास्ता कांग्रेस ने साफ़ कर दिया है। उत्तर प्रदेश में अब हम भी कांग्रेस का इंतज़ार नहीं करेंगे।अब यूपी में बीजेपी के खिलाफ गैर कांग्रेसी गठबंधन होगा।