महिलाओं की सुरक्षा के मसले पर परिवहन विभाग का स्पीड ब्रेकर, मुख्यमंत्री से हुई शिकायत

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वाहनों को ऑनलाइन ट्रैक करने और महिलाओं की सुरक्षा (safety of women) व बच्चों की सुरक्षा (child safety)  के मुद्दे पर पैनिक बटन (panic button) लगाने के मामले पर परिवहन विभाग (MP Transport Department) में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए केवल चार कंपनियों को मध्यप्रदेश में अधिकृत करने की मनमानी परिवहन विभाग द्वारा की जा रही है। इस गंभीर मामले की शिकायत मुख्यमंत्री को मय दस्तावेजों के की गई है।

वर्ष 2018 के पहले के सभी व्यावसायिक यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन लगाने के निर्देश केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हैं। दरअसल इसके पीछे दूरगामी सोच यह है कि भविष्य में हर वाहन को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सके और यदि उसमें बैठी हुई महिलाएं या बच्चे इसी तरह की आपातकालीन परिस्थिति का सामना करते हैं तो वे पैनिक बटन दबाकर सीधे शासन के कंट्रोल रूम में सूचना पहुंचा सके कि वे खतरे में हैं और उनकी सहायता की जाए। 2018 के बाद के वाहनों में यह व्यवस्था अब सीधे वाहन निर्माता कंपनी के द्वारा ही की जा रही है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....