भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वाहनों को ऑनलाइन ट्रैक करने और महिलाओं की सुरक्षा (safety of women) व बच्चों की सुरक्षा (child safety) के मुद्दे पर पैनिक बटन (panic button) लगाने के मामले पर परिवहन विभाग (MP Transport Department) में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन को दरकिनार करते हुए केवल चार कंपनियों को मध्यप्रदेश में अधिकृत करने की मनमानी परिवहन विभाग द्वारा की जा रही है। इस गंभीर मामले की शिकायत मुख्यमंत्री को मय दस्तावेजों के की गई है।
वर्ष 2018 के पहले के सभी व्यावसायिक यात्री वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन बटन लगाने के निर्देश केंद्र सरकार द्वारा दिए गए हैं। दरअसल इसके पीछे दूरगामी सोच यह है कि भविष्य में हर वाहन को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सके और यदि उसमें बैठी हुई महिलाएं या बच्चे इसी तरह की आपातकालीन परिस्थिति का सामना करते हैं तो वे पैनिक बटन दबाकर सीधे शासन के कंट्रोल रूम में सूचना पहुंचा सके कि वे खतरे में हैं और उनकी सहायता की जाए। 2018 के बाद के वाहनों में यह व्यवस्था अब सीधे वाहन निर्माता कंपनी के द्वारा ही की जा रही है।
2018 के पहले के वाहनों में व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन पैनिक बटन (panic button in vehicles)लगाने के लिए 25 अक्टूबर 2018 को गजट नोटिफिकेशन जारी किया गया और सड़क व परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा साफ लिखा गया सार्वजनिक सेवायान मालिकों को किसी भी निर्माता से अपने पसंद की डिवाइस चुनने या स्थापित करने की क्षमता होगी। ऐसी डिवाइस केंद्रीय मोटरयान नियम 1989 के द्वारा अनुमोदित होनी चाहिए।
पूरे देश के अंदर ऐसी ATS-140 सर्टिफाइड 89 कंपनियां है लेकिन मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग आयुक्त कार्यालय के 22 अगस्त के सर्कुलर से सिर्फ चार कंपनियों को ही व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस व पैनिक बटन लगाने के निर्देश दिए गए हैं। यानि सीधे तौर पर 85 कंपनियों को दरकिनार कर 4 विशेष कंपनियों को ही लाभ पहुंचाया जा रहा है।
इंदौर ट्रक ऑपरेटर एवं ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सीएल मुकाती का कहना है परिवहन विभाग के इस मनमानी सर्कुलर से साफ लगता है कि विभाग चार विशेष कंपनियों को ही लाभ पहुंचाना चाहता है लेकिन इससे न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि ट्रैकिंग डिवाइस लगने के काम में देरी भी होगी और पैनिक बटन भी देरी से लग पाएंगे यानि इसके पीछे सरकार की जो सोच महिला एवं बच्चों की सुरक्षा है उस कार्य में भी देरी होगी।
मुकाती का यह भी कहना है कि सामान्य दरों की अपेक्षा इन चार कंपनियों द्वारा दो से तीन गुना राशि वसूली जा रही है जो पूरी तरह अनुचित है और इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। मुकाती ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि सभी ATS-140 सर्टिफाईड कंपनियों को व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस और पैनिक बटन लगाने की इजाजत दी जाए ताकि यह कार्य भी जल्द से जल्द पूरा हो सके और वाहन मालिकों को भी असुविधा ना हो। पत्र की प्रति परिवहन मंत्री के साथ-साथ परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव व आयुक्त को भी भेजी गई है।
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Atul Saxena
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