कांग्रेस-बीजेपी को टक्कर देने अब उलेमा बोर्ड भी उतारेगा प्रत्याशी

Published on -

भोपाल। राजनैतिक पार्टियां लगातार मुस्लिम समाज को अपना वोट बैंक मानकर उनका उपयोग करती आई हैं। लोकसभा चुनाव में भाजपा-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों में किसी भी पार्टी ने अब तक एक भी मुस्लिम वर्ग से प्रत्याशी चयन नहीं किया है। कहीं न कहीं पार्टियों से जब टिकट की मांग की जाती है तो वे मुस्लिम समाज को जिताऊ कैंडिडेट न होने का ताना देकर हाशिये पर बैठा देती हैं। बरसों से हो रही इस उपेक्षा का बदला लेने के लिए अब मुस्लिम समाज अपना फैसला लेने को तैयार है और इस चुनाव में वह अपने लिए जमीन तलाशने का काम करेगा। यह बात ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड मप्र के सदर काजी सैयद अनस अली नदवी ने अनौपचारिक चर्चा में कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली से लेकर नागपुर तक मुस्लिम रहनुमाई से बरसों से खाली रहा है। लोकसभा, विधानसभा से लेकर छोटे चुनावों तक में भी मुस्लिमों को सिर्फ वोट बैंक मानकर ही देखा जाता है और जब कभी प्रतिनिधित्व देने की बात कही जाती है कि मुस्लिम उम्मीदवार कभी जिताऊ प्रत्याशी नहीं होते। काजी अनस ने आरोप लगाया कि सियासी पार्टियां या तो मुस्लिमों को टिकट नहीं देतीं और अगर दे भी दिया तो उसे हरवाने का काम भी खुद वही पार्टी कर देती है, ताकि अगली बार इस मांग को खत्म किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश के 29 से ज्यादा विधानसभा क्षेत्रों पर मुस्लिम बाहुल्यता मौजूद है, जहां के चुनावी नतीजे यह समाज तय करता है। राजधानी भोपाल को देश के 15 अल्पसंख्यक शहरों में शुमार किया गया है लेकिन यहां से अब तक किसी पार्टी ने किसी मुस्लिम को अपना प्रत्याशी नहीं बनाया। 

5 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की तैयारी

MP

उन्होंने कहा कि लगातार की जा रही इस मांग को अब तक किसी पार्टी ने गंभीरता से नहीं लिया है, जिससे समुदाय में नाराजगी का आलम बना हुआ है। काजी अनस ने ऐलान किया कि सियासी पार्टियों ने लोकसभा चुनावों में किसी मुस्लिम प्रत्याशी को मौका नहीं दिया तो ऑल इंडिया उलेमा बोर्ड इस चुनाव में अपने प्रत्याशी मैदान में उतारेगा। उन्होंने कहा कि मप्र की कम से कम 5 लोकसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर ली गई है। हार-जीत के डर या प्रभाव से दूर यह फैसला सिर्फ इस बात को ध्यान में रखकर किया जा रहा है कि आने वाले समय में सियासी पार्टियों को मुस्लिम समाज के लोगों का महत्व और उनकी जरूरत समझ आ जाए। 

पार्टियों का काला चेहरा करेंगे उजागर

काजी अनस ने बताया कि राजनैतिक दल मुसलमानों का यूज वोट बैंक की तरह करते आए हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। इसके लिए उलेमा बोर्ड ने अपने प्रत्याशी मैदान में उताराने का फैसला लिया है। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा मैदान में उतारे जा रहे प्रत्याशी न सिर्फ दीनदार, कौम परस्त और वतनपरस्त होंगे, बल्कि वे सर्वधर्म सम्मान का पालन करने वाले भी होंगे। उन्होंने कहा कि आमजन की समस्याओं को सामने रखकर चुनाव लडऩे वाले उलेमा बोर्ड के ये प्रत्याशी सभी धर्म और समाजों के सामने सियासी पार्टियों का काला चेहरा रखेंगे और उनसे बदलाव की गंगा में गोता लगाने की गुहार लगाएंगे। काजी अनस नदवी ने कहा कि भोपाल, बुरहानपुर, उज्जैन, रीवा, धार, खंडवा सहित अन्य लोकसभा उम्मीदवारों के नाम जल्द ही तय कर इनका ऐलान किया जाएगा।


About Author

Mp Breaking News

Other Latest News