भोपाल। छिंदवाड़ा में गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के दौरान पूर्व भाजपा विधायक रमेश दुबे को एसडीएम मेघा शर्मा द्वारा सीएए पर चर्चा करने से रोके जाने के मामले ने राजनीतिक तूल पकड़ लिया है। मामले को लेकर भाजपा आक्रामक हो गई है और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठा रही है। पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही अधिकारियों के व्यवहार को दुखद और चिंतनीय बता चुके है। वहीं अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेत्री उमा भारती ने भी प्रशासनिक अधिकारियों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की तरह काम करने का आरोप लगाया है।
राजगढ़ में सीएए समर्थन रैली के दौरान कलेक्टर द्वारा भाजपा नेता को थप्पड़ मारने का मामला अभी पूरी तरह शांत भी नहीं हुआ था कि छिंदवाड़ा में एसडीएम द्वारा पूर्व विधायक को सीएए के बारे में बात करने से रोकने के मामले के बाद एक बार फिर प्रशानिक अधिकारियों की कार्यशैली पर प्रश्र खड़े हो रहे है। छिंदवाड़ा मामले को लेकर मप्र की पूर्व सीएम और भाजपा की दिग्गज नेत्री उमा भारती ने ट्वीट कर प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए गंभीर आरोप लगाए है। उमा भारती ने ट्वीट कर लिखा ‘एक बार फिर छिंदवाड़ा जिले में राजगढ़ जिले की जैसी घटना हो गई, जिसमें एक प्रशासनिक अधिकारी ने कांग्रेस के कार्यकर्ता की तरह बर्ताव किया एवं संविधान की मर्यादा का उल्लंघन किया। चौरई के पूर्व भाजपा विधायक गणतंत्र दिवस समारोह में आयोजित कार्यक्रम में सीएए के बारे में कुछ सकारात्मक बातें कह रहे थे तो वहां की एक एसडीएम ने खड़े होकर कहा कि यह विवादास्पद विषय है तथा रमेश दुबे को बोलने से रोक दिया।
उमा भारती ने एक अन्य ट्वीट कर अधिकारी पर संविधान की अवमानना करने और कमलनाथ सरकार की चापलूसी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीएए का विधेयक संसद के दोनों सदनों में पास हो चुका है। ऐसे में कोई सरकारी अधिकारी यदि इसको विवादास्पद विषय मानता है, तो वह भी भारतीय संविधान की अवमानना करता है। लगता है मध्यप्रदेश में प्रशासनिक अधिकारी यह भूल गए हैं, कि यहां पर कांग्रेस की सरकार है। किंतु यहां के सरकारी अधिकारी कांग्रेस के कार्यकर्ता नहीं है। चापलूसी की सारी मर्यादाएं पार करते हुए संवैधानिक दायित्व का ही स्मरण न रहना देश एवं मध्य प्रदेश राज्य के लिए यह घातक होगा।