भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वैक्सीन ही बचाव है, अब जब यह साफ हो चुका है उसके बाद भी कई लोग इससे बेवजह डर रहे हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में तो कोरोना वॉरियर्स को इसको लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने में पसीने आ रहे हैं। बुंदेलखंड क्षेत्र का एक वीडियो इनकी इसी परेशानी बता रहा है।
सासंद जी, इलाज की चिंता कीजिये चिता की नहीं
देश के साथ-साथ मध्यप्रदेश भी वैक्सीनेशन में तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है और लगभग 65 लाख लोगों को वैक्सीन का पहला डोज लग चुका है। इसके साथ ही 18 साल से ऊपर उम्र वालों को भी एक मई से वैक्सीन लगाने का काम तेजी से करने के निर्देश मुख्यमंत्री दे चुके हैं। सरकार ने विभिन्न स्तरों पर पंचायत सचिवों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं तक पर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए प्रेरित करने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोगों को वैक्सीनेशन के लिए राजी करना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है और इसकी मूल वजह है जागरूकता का अभाव। बुंदेलखंड क्षेत्र का एक वायरल वीडियो इसकी पुष्टि कर रहा है। हालांकि कोरोना वॉरियर्स भरसक कोशिश करके लोगों की इन भ्रांतियों को दूर भी कर रहे हैं।
वैक्सीनेशन को लेकर कुछ लोग किस कदर गलतफहमियां फैला रहे हैं इसका जीता जागता उदाहरण यह वीडियो है। इसमें कोरोना वारियर्स महिला से बहस करती हुई एक ग्रामीण महिला नजर आ रही है जो यह कह रही है कि सरकार अगर मेरी जिंदगी की गारंटी ले तो मैं वैक्सीन लगवा लूंगी। उसका यह भी कहना है कि वैक्सीनेशन के बाद उसकी सास 15 दिनों से खाना नहीं खा रही है। उसे बुखार भी आ रहा है। तभी उसका समर्थन करने एक और महिला पहुंच जाती है और वह भी अपने ससुर का उदाहरण देने लगती है। हालांकि कोरोना वॉरियर लगातार समझा रही है कि वैक्सीन है तो जिंदगी है, लेकिन वह महिला मानने को तैयार नहीं। इस तरह के वाकये लगातार सामने आ रहे हैं। बावजूद इसके कोरोना वॉरियर्स लगातार अपने मिशन में जुटे हुए हैं।
एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ की अपील
कोरोना से बचाव का सबसे कारगर उपाय वैक्सीन है। रिसर्च यह साबित कर चुकी है कि वैक्सीन लगाने के बाद में यदि आप कोरोना संक्रमित होते भी हैं तो कम से कम आपकी जिंदगी को खतरा तो नहीं। इसीलिए जाइये, सबसे पहले सबसे नजदीक वैक्सीनेशन सेंटर पर और वैक्सीन लगवाइए। सुरक्षित रहिए, कोरोना की चेन तोड़ने में यह सबसे कारगर हथियार है।
बुंदेलखंड में गाँव की महिलाओं को टीकाकरण के लिए राज़ी करना कितना कठिन कम होता है यदि आप थोड़ा भी बुंदेलखंडी समझते है तो लोट पोट जो जाएँगे इस चकल्लस को सुनकर pic.twitter.com/aecwxtXtE2
— Brajesh Rajput (@drbrajeshrajput) April 21, 2021