भोपाल।।
प्रदेश में आचार संहिता हटते ही आंदोलन और प्रदर्शन का दौर शुरु हो गया है। किसानों के बाद अब पीएससी से चयनित सहायक प्राध्यापकों ने भोपाल में धरना देने का फैसला लिया है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर नियुक्ति नहीं दी गई तो 9 जून से चयनित उम्मीदवार अपने परिवार के साथ भोपाल में धरने पर बैठेंगे।
सहायक प्राध्यापकों का आरोप है कि मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा 27 वर्षों बाद जून 2018 में सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा ली गई थी। इसका परिणाम अगस्त 2018 में घोषित हुआ। करीब 2500 उम्मीदवार चयनित हुए थे और सितंबर 2018 में दस्तावेज सत्यापन का कार्य भी पूर्ण हो गया।लेकिन 9 माह से अधिक समय हो जाने और दो बाद अचार संहिता के बीत जाने के बावजूद अब तक राज्य शासन ने नियुक्ति नहीं दी है, जिसके चलते प्राध्यापकों में आक्रोश व्याप्त है।
उनका कहना है कि बीते दिनों नियुक्ति को लेकर उन्हें उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी द्वारा लगातार आश्वासन मिला लेकिन छह माह बाद भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिल सकी। इससे चयनित उम्मीदवार आर्थिक, सामाजिक, मानसिक रूप से प्रताड़ित महसूस कर रहे हैं। उम्मीदवारों ने शीघ्र नियुक्ति की मांग की है। इसी कारण आगामी नौ जून को प्रदेशभर के प्राध्यापक भोपाल में धरना देंगें और सरकार के सामने अपनी मांगे रखेंगें।
बता दें कि पिछले दिनों मप्र पीएससी चयनित सहायक प्राध्यापक संघ ने प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर इच्छामृत्यु की इच्छा जताई थी। साथ ही कहा कि वे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग करेंगे। इसके अलावा उन्होंने मप्र शासन को अल्टीमेटम देते हुए 9 जून को राजधानी में उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी।