Bhopal News: युवती नहीं युवक के धर्मांतरण का मामला सामने आया, नहीं करने पर जान से मारने की मिली धमकी

बीते 17 मई 2024 को उसने अपनी पत्नी के साथ पहली बार सोनिया कॉलोनी, ऐशबाग स्थित अपने ससुराल गया था। इस दौरान कुछ दिनों के बाद उसकी पत्नी के तीनों भाइयों ने उसके ऊपर धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे।

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Bhopal News: अक्सर देश के अलग-अलग हिस्सों में महिलाओं के धर्मांतरण का मामला सामने आता रहता है। इस दौरान ससुराल पक्ष के द्वारा डरा धमका कर महिला का धर्मांतरण करा दिया जाता है। हालांकि, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में किसी महिला का नहीं बल्कि एक युवक के धर्मांतकण का मामला सामने आया है, जहां उसे ससुराल पक्ष द्वारा धर्मांतरण करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही उसे जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है। आइए जानते हैं विस्तार से…

जातिसूचक शब्दों से किया गया अपमानित

दरअसल, युवक सीहोर जिले के श्यामपुर का रहने वाला है। भोपाल के ऐशबाग थाना प्रभारी जितेंद्र गढ़वाल के मुताबिक रामकृष्ण (बदला हुआ नाम) निजी काम करता है। उसने तकरीबन 15 साल पहले एक मुस्लिम लड़की से शादी की थी। बीते 17 मई 2024 को उसने अपनी पत्नी के साथ पहली बार सोनिया कॉलोनी, ऐशबाग स्थित अपने ससुराल गया था। इस दौरान कुछ दिनों के बाद उसकी पत्नी के तीनों भाइयों ने उसके ऊपर धर्मांतरण का दबाव बनाने लगे। साथ ही ऐसा न करने पर जान से मारने की भी धमकी देने लगे। इसके अलावा तीनों भाइयों ने जातिसूचक शब्दों अपमानित भी किया।

आरोपियों की तलाश में जुटी पुलिस

युवक ने अपने ससुराल से लौटकर सीहोर जिले के श्यामपुर थाना पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि, भोपाल में घटना होने के कारण मामले को ऐशबाग थाने में भेज दिया गया। वहीं, ऐशबाग थाने की पुलिस ने उसकी पत्नी के तीनों भाइयों मुईन खान, वसीम खान और आदम खान के खिलाफ एट्रोसिटी एक्ट और जान से मारने की धमकी दने और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर तलाश में जुट गई है।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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