भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के आगामी निकायों और पंचायत चुनावों में नियमों के चलते उम्मीदवारों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है। चुनावों में अपनी दावेदारी को लेकर उम्मीदवार रोज जोन कार्यालयों के चक्कर काट रहे है।
दरअसल, पार्षद के चुनावी अखाड़े में कुछ ऐसे भी दावेदार है जो किराए के मकान में रह रहे है या जिस मकान में वह रह रहे है वो किसी और के नाम पर है। जोन कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि पिछले हफ्ते में 400 से ज्यादा लोग एनओसी के लिए अप्लाई एवं पूछताछ कर चुके है, लेकिन जोनल अधिकारियों ने उन्हें एनओसी देने से मना कर दिया है। टैक्स जमा करने के बाद भी दावेदार के नाम से एनओसी जारी नहीं हो रही है।
इस बारे में ननि कमिश्नर वीएस चौधरी कोलसानी ने कहा, “हम जोनल अधिकारियों को कह रहे हैं कि वे चुनाव के लिए एनओसी लेने वाले व्यक्तियों को यह लिखकर दे सकते हैं कि वे जिस मकान में रहते हैं उस पर कोई टैक्स बकाया नहीं है।”
ये भी पढ़े … मेंटेनेंस के चलते इन इलाकों में 6 घंटे रहेगी बिजली कटौती
बता दे, चुनाव में नामांकन फॉर्म के साथ निगम की एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जमा करना जरूरी है।
एनओसी न मिलने की स्थिति में नामांकन फॉर्म होगा रद्द
दावेदारों को अब यहीं चिंता सताने लगी है कि एनओसी ना मिलने की स्थिति में वह चुनाव में नहीं उतर पाएंगे। उधर, नगर निगम चुनाव के लिए नामांकन 11 जून से शुरू होने हैं, जिसकी तैयारी दावेदारों सहित नगर निगम ने भी जोरो-शोरों से शुरू कर दी है।
ये भी पढ़े … पानी की समस्या बरकरार, अब कोलार डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में लीकेज
आपको बता दे, मध्य प्रदेश में निकाय और पंचायत चुनावों को लेकर बिगुल बज चुका है, निकाय चुनाव से पहले सरकार पंचायत चुनाव आयोजित करा रही है। तीन चरणों में होने वाले पंचायत चुनावों की नामांकन प्रक्रिया 6 जून को पूरी हो चुकी है।