प्राइवेट स्कूलों पर एक्शन, नियम विरुद्ध वसूली गई फ़ीस लौटने के निर्देश, 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगा

जिला समिति द्वारा यह भी आदेशित किया गया कि म.प्र. निजी विद्यालय में (फीस तथा संबंधित) नियम 2020 के 9 (8) के प्रावधानुसार उपरोक्त निर्धारित राशि से अधिक वसूली गई राशि संबंधित अभिभावक को लौटाई जाए।

Chhatarpur Collector’s action on private schools: शासन के निर्देश के बाद भी प्राइवेट स्कूलों की मनमानी रुक नहीं रही है, कभी फ़ीस के नाम पर तो कभी किताबों के नाम पर कई स्कूल बच्चों के पेरेंट्स से मनमानी रकम वसूल रहे हैं, शिकायत के बाद छतरपुर कलेक्टर ने जाँच कराई उसके बाद जिले में संचालित कुछ स्कूलों पर कड़ा एक्शन लिया है, कलेक्टर ने नियम विरुद्ध वसूली गई फ़ीस वापस करने के आदेश दिए साथ ही 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

छतरपुर जिले के कलेक्टर पार्थ जैसवाल ने नवीन सत्र 2025-26 प्रारंभ होने के बाद, अभिभावकों से प्राइवेट स्कूलों द्वारा पुस्तकें,  यूनिफ़ॉर्म व अन्य शैक्षिक सामग्री के अनुचित एवं अधिक कीमत वसूलने के संबंध में समय-समय पर प्राप्त शिकायतों को दृष्टिगत रखते हुये तीन सदस्यीय ब्लॉक स्तरीय समिति का गठन किया था। कलेक्टर के आदेश पर समिति पिछले दिनों उन स्कूलों का निरीक्षण किया और निरीक्षण रिपोर्ट जिला स्तरीय समिति को भेज दी।

इन प्राइवेट स्कूलों के विरुद्ध एक्शन 

रिपोर्ट के आधार पर कलेक्टर जैसवाल ने प्राइवेट स्कूल्स डीपीएस, क्रिश्चियन, शीलिंग होम, सुमति एकेडमी, एडिफाई एवं डीसेंट स्कूल को कारण बताओ नोटिस जारी कर जबाव तलब किया। सभी स्कूलों द्वारा उक्त नोटिस के प्रस्तुत किए गए जवाब का  पुनर्परीक्षण विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी ईशानगर से कराया गया। परीक्षण के बाद अधिकारी द्वारा कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपी कि उन स्कूलों द्वारा जवाब तथ्यविहीन होने के कारण समाधानकारक नहीं है। साथ ही लोक शिक्षण संचालनालय म.प्र. के दिनांक 15 सितम्बर 2022 को जारी आदेश के निर्देर्शों का भी पालन नहीं किया गया।

दोषी स्कूलों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना 

इसके बाद प्रशासन ने आदेश दिया कि म.प्र. राजपत्र (असाधरण) प्राधिकारी से प्रकाशित स्कूल शिक्षा विभाग के 28 दिसम्बर 2021 की कण्डिका 05 के अनुसार मान्यता (संशोधन) नियम 2017 के नियम 11 में, उप नियम (2) में संशोधित कर निहित प्रावधानानुसार संबंधित स्कूलों को भविष्य के लिए सचेत करते हुए प्रति स्कूल कुल राशि 1-1 लाख रुपये  वसूली किए जाने की शास्ति अधिरोपित की जाती है।

निर्धारित मूल्य से अधिक की पुस्तकें खरीदने के लिए कहना नियम विरुद्ध 

साथ ही यह भी सुनिश्चित कराने को कहा गया कि निर्धारित मूल्य से अधिक की पुस्तकें किसी भी स्थिति में किसी भी छात्र-छात्रा से क्रय नही कराएं। जिला समिति द्वारा यह भी आदेशित किया गया कि म.प्र. निजी विद्यालय में (फीस तथा संबंधित) नियम 2020 के 9 (8) के प्रावधानुसार उपरोक्त निर्धारित राशि से अधिक वसूली गई राशि संबंधित अभिभावक को लौटाई जाए।

कक्षा 1 से 8वीं तक की किताबों के निर्धारित मूल्य

एनसीआरटी एवं म.प्र. पाठ्यपुस्तक निगम पुस्तकों की अधिकतम राशि निर्धारित है। एनसीआरटी की कक्षा 1 और 2 के लिए अधिकतम राशि 195 रुपये , कक्षा 3 के लिए 390 रुपये, कक्षा 4 के लिए 260 रुपये, कक्षा 5 के लिए 260 रुपये, कक्षा 6 के लिए 780 रुपये, कक्षा 7 के लिए 940 रुपये एवं कक्षा 8वीं के लिए 960 रुपये निर्धारित किए गए हैं।
म.प्र. पाठ्यपुस्तक निगम पुस्तकों की हिन्दी एवं अंग्रेजी माध्यम की अधिकतम राशि कक्षा 1 के लिए 194 रुपये, 2 के लिए 240 रुपये, कक्षा 3 के लिए 315 रुपये, कक्षा 4 के लिए 289 रुपये, कक्षा 5 के लिए 317 रुपये, कक्षा 6 के लिए 504 रुपये, कक्षा 7 के लिए 509 रुपये एवं कक्षा 8वीं के लिए 547 रुपये निर्धारित किए गए हैं।

छतरपुर से सौरभ शुक्ला की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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