कांग्रेस प्रत्याशी पर दर्ज है कई अपराध, कर रहे है बिजावर विधानसभा में चुनाव प्रचार

Charan Singh Yadav

MP Election 2023 : छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे चरन सिंह पर उत्तरप्रदेश में कई मामले दर्ज हैं। कई ऐसे भी मामले हैं जिनमें चरन सिंह फरार चल रहे है। ऐसा ही एक मामला जमीन पर कब्जा करने और भूस्वामी को जान से मारने की धमकी देने का भी है जिसमें न सिर्फ चरन सिंह ब​ल्कि उसकी पत्नी अनुपमा यादव सहित कुल चार लोग फरार हैं। मजे की बात यह है कि उत्तरप्रदेश पुलिस का कहना है कि सभी आरोपी फरार हैं जबकि वही आरोपी ​छतरपुर जिले में खुलेआम घूम कर प्रचार करने में जुटे हैं। अब देखना यह है कि क्या उत्तरप्रदेश पुलिस छतरपुर जिले की बिजावर विधानसभा में प्रचार कर रहे चरन सिंह और उनकी पत्नी को गिरफ्तार करती है या फिर धनबल के बलबूते पर वह खुलेआम घूमता रहेगा।

यह है मामला

प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वर्ष 2014 में झांसी निवासी बृजेन्द्र पुत्र जगदीश राय ने झांसी के सिटी कोतवाली में ​शिकायत करते हुए मामला दर्ज कराया था कि उसने छनियापुरा झांसी निवासी हरीकिशन पुत्र स्व. कमलापत राय से झांसी होमगार्ड ट्रेनिंग सेन्टर के पास 32 लाख 87 हजार रुपए में कुछ जमीन क्रय की थी। हरीकिशन के साझेदार सालिगराम राय ने जमीन विक्रय करते समय कहा था कि यह जमीन उसने श्रीमती मनकोर पत्नी स्व. ओमकारनाथ से क्रय की है इसमें कोई विवाद नहीं है। हरीकिशन ओर सालिगराम की बातों में आकर बृजेन्द्र ने जमीन खरीद ली लेकिन जब वह खरीदी गई जमीन पर निर्माण करने गया तो चरन सिंह यादव और उसकी पत्नी अनुपमा यादव ने बृजेन्द्र को जान से मारने की धमकी देते हुए निर्माण रुकवा दिया। बृजेन्द्र ने हरीकिशन और सालिगराम को मौके पर बुलाया जिसके बाद चरन सिंह, अनुपमा यादव के साथ उक्त दोनों ने मिलकर बृजेन्द्र से 50 लाख रुपए की मांग करते हुए धमकी दी कि बगैर पैसे दिए अगर निर्माण किया तो जान से मार देंगे। बृजेन्द्र ने किसी तरह 50 लाख रुपए जुटाकर उक्त चारों लोगों को दिए लेकिन उसके बाद भी उनका मन नहीं भरा और चारों ने बृजेन्द्र से 20 लाख रुपए और मांगे। मजबूरन बृजेन्द्र को उन लोगों को 20 लाख रुपए और देने पड़े। इतना पैसे देने के बाद भी बृजेन्द्र द्वारा खरीदी गई जमीन का दाखिल खारिज नही हो पाया।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”