लोकायुक्त ने बिजली कंपनी के इंजीनियर को स्टाफ सहित रिश्वत लेते गिरफ्तार किया

Atul Saxena
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छतरपुर, डेस्क रिपोर्ट। सागर लोकायुक्त पुलिस (Sagar Lokayukta Police) की टीम ने बिजली कंपनी के छतरपुर कार्यालय में पदस्थ सहायक इंजीनियर को दो अन्य कर्मचारियों सहित 80 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार (Power company assistant engineer arrested taking bribe) किया है। बिजली चोरी का केस नहीं बनाने के बदले बिजली कंपनी स्टाफ ने एक उपभोक्ता से रिश्वत की मांग की थी।

जानकारी के अनुसार छतरपुर के वार्ड क्रमांक 10 में रहने वाले शैलेन्द्र रैकवार की दोना फैक्ट्री है, बिजली कंपनी के अधिकारियों ने पिछले दिनों बिना मीटर के बिजली का उपयोग करते हुए फैक्ट्री को पकड़ा था। जिसके बाद बिजली कंपनी के अधिकारी शैलेन्द्र रैकवार की दोना फैक्ट्री के खिलाफ बिजली चोरी का केस बना रहे थे।

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शैलेन्द्र ने सहायक अभियंता रिंकू मैना और लाइनमेन घनश्याम दुबे व टेस्टिंग सहायक प्रवीण तिवारी से बिजली चोरी का केस नहीं बनाने का निवेदन किया। जिस पर इन बिजली कंपनी स्टाफ ने केस नहीं बनाने और स्थाई मीटर लगाने के बदले 80 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। शुरू में शैलेन्द्र ने मना किया लेकिन फिर वो रिश्वत देने के लिए तैयार हो गया।

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रिश्वत की बात तय हो जाने के बाद शैलन्द्र रैकवार ने सागर लोकायुक्त कार्यालय में इसकी शिकायत की। लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत की जाँच के बाद रिश्वत की राशि देने का स्थान तय करने के लिए शैलेन्द्र से कहा। आज सोमवार को शैलेन्द्र 80 हजार रुपये ले कर सहायक अभियंता रिंकू रैना को देने उनके कार्यालय में पहुंचा।

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शैलेन्द्र ने 80 हजार रुपये बिजली कंपनी अधिकारी को दिए तो उन्होंने रिश्वत की राशि अन्य दोनों साथी स्टाफ को गिनने के लिए दे दी। रिश्वत की राशि लेने का सिग्नल मिलते ही पहले से तैयार लोकायुक्त सागर पुलिस की टीम कार्यालय में पहुंच गई और सहायक अभियंता रिंकू मैना और लाइनमेन घनश्याम दुबे व टेस्टिंग सहायक प्रवीण तिवारी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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