छतरपुर में बालू माफिया फसल को कर रहे चौपट, पीड़ित ने एसपी से लगाई गुहार

करारागांज निवासी लक्ष्मी अनुरागी एवं भरतलाल अनुरागी ने एसपी ऑफिस में शिकायत करते हुए बताया कि पुलिस की साठगांठ से बालू माफिया जबरन उनकी जमीन से मशीनें, ट्रक और ट्रैक्टर निकाल रहे हैं और फसल खराब कर रहे हैं।

Shashank Baranwal
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Chhatarpur

Chhatarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां अलीपुरा थाना के अंतर्गत ग्राम करारागंज के ग्रामीण निवासियों ने पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर के नाम शिकायती आवेदन सौंपते हुए बालूं माफियाओं पर कार्रवाई करने की मांग की है।

पीड़ित ने बालू माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग

करारागांज निवासी लक्ष्मी अनुरागी एवं भरतलाल अनुरागी ने एसपी ऑफिस में शिकायत करते हुए बताया कि पुलिस की साठगांठ से बालू माफिया जबरन उनकी जमीन से मशीनें, ट्रक और ट्रैक्टर निकाल रहे हैं और फसल खराब कर रहे हैं। वहीं मना करने पर मारने की धमकी देते हैं। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि अलीपुरा थाना पुलिस भी बालू माफियाओं का साथ देती है। 10 फरवरी को माफियाओं को खेत से मशीनें निकालने से मना किया तो थाना प्रभारी डीडी शाक्य सहित पुलिस बल ने पीड़ित भरत अनुरागी और नंदकिशोर अनुरागी की मारपीट करते हुए थाने में बंद कर दिया और धारा 151 की कार्रवाई कर दी। पीड़ितों ने पुलिस अधीक्षक से मांग की है कि बालू माफिया अरविंद सिंह गौर, सुरेन्द्र सिंह, रामपाल यादव, छोटेलाल यादव, महेन्द्र पाल सरपंच पति पर कार्रवाई की जाए एवं उनकी फसल को उजड़ऩे से बचाया जाए। पीड़ितों ने बताया कि बालू माफियाओं पर राजनेताओं एवं थाना प्रभारी का संरक्षण है जिस कारण माफिया भी उनके साथ आए दिन गाली-गलौज एवं मारपीट करते हैं।


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।