MP News: ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। आरोप लगाते हुए ट्रांसपोर्ट कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में जितनी अवैध सीमा चौकियां हैं। उन्हें समाप्त करने में सरकार रुचि नहीं दिखा रही है, जिसके चलते ट्रांसपोर्ट नुकसान में चल रहा है। उनका यह भी कहना है कि राज्य में चल रही जबरन वसूली और भ्रष्टाचार पर सरकार रोक नहीं लगा पा रही है। इन्ही कारणों के चलते ट्रांसपोर्टर्स में निराशा का दौर है सरकार को गंभीरता से इस बात पर ध्यान देना चाहिए और राज्य में सीमा चौकियों को समाप्त कर ट्रांसपोर्ट उद्योग को सही तरीके से चलाना चाहिए।
इस मामले को लेकर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के अध्यक्ष बल मलकीत सिंह का कहना है कि 20 दिसंबर को धरना और सांकेतिक भूख हड़ताल की जाएगी और मुख्यमंत्री निवास का घेराव भी किया जाएगा। ताकि सरकार ट्रांसपोर्ट उद्योग को लेकर गंभीरता से सही कदम उठाए। अब सभी ऑपरेटर लामबंद हो गए हैं और उनका कहना है कि भारतीय रोड ट्रांसपोर्ट फ्रेटरनिटी मध्यप्रदेश राज्य के बॉर्डर पर बने हुए चेक पोस्टों पर आरटीओ और उनके एजेंटों की मदद से बढ़ावा दिए जा रहे बेलगाम भ्रष्टाचार का कठोरता से विरोध करता है। इस वजह से परिवहन संचालन आर्थिक तौर पर अक्षम हो चुका है, परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर न केवल कई लोगों को संचालन बंद करना पड़ा है बल्कि उनकी आजीविका का भी क्षय हुआ है।
ट्रांसपोर्ट कांग्रेस का कहना है कि समय-समय पर इस मुद्दे को उठाया गया है। विरोध पत्र भी लिखे, अधिकारियों और मंत्रियों के साथ मीटिंग भी की लेकिन हमें रत्ती भर भी राहत नहीं मिली। हमने संबंधित अधिकारियों से बार-बार निवेदन किया लेकिन दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं लिया गया और इसलिए टीम एआईएमटीसी ने इस खतरे के खिलाफ एक निर्णायक अभियान चलाने का निर्णय लिया है।
गौरतलब है कि करीब 3 महीने पहले खुद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस बारे में प्रदेश सरकार को पत्र लिखा था और नाकों पर हो रही अवैध वसूली को लेकर आपत्ति जताते हुए। इसे तत्काल बंद करने की सलाह दी थी उसके बाद परिवहन आयुक्त मुकेश जैन का तबादला कर दिया गया और नए आयुक्त संजय कुमार झा की पदस्थापना हुई लेकिन झा भी परिवहन विभाग के भ्रष्टाचार के इस मकड़जाल को भेदने में असफल रहे, और आलम यह है कि लगातार इन परिवहन चेकपोस्ट पर अवैध वसूली की शिकायतें आती रहती हैं।