डबरा में आबकारी विभाग की बड़ी कार्रवाई, 40 लाख रुपए की शराब और गुड़ लहान जब्त

Shashank Baranwal
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डबरा

Dabra News: मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 के चलते आदर्श आचार संहिता प्रदेश भर में लागू है। नशे के कारोबारियों पर प्रभावी कार्रवाई करने के निर्देश एवं अवैध मदिरा के संग्रहण, विनिर्माण, एवं परिवहन के अपराधों पर नियंत्रण के उद्देश्य से विशेष अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर ग्वालियर के निर्देशन और सहायक आबकारी आयुक्त ग्वालियर के मार्गदर्शन में डबरा और भितरवार में पदस्थ आबकारी उप निरीक्षक रविशंकर यादव के नेतृत्व में लगातार कार्यवाही की जा रही है। जिसमें पुलिस ने आबकारी विभाग डबरा और भितरवार के विभिन्न थाना क्षेत्र में आचार संहिता लागू होने की तारीख से 90 मामले दर्ज कर कुल 1334 लीटर शराब और 37 हजार लीट गुड़ लाहन बरामद किया है। बता दें डबरा और भितरवार के अंतर्गत डबरा शहर, डबरा देहात, पिछोर, गिर्जोर्रा, बिलौआ, भितरवार, चिनोर और बेलागढ़ा थाना क्षेत्र आता है।

 

होटलों और ढ़ाबों पर अवैध शराब के कारोबार पर होगी सख्त कार्रवाई

पुलिस द्वारा पकड़े गई शराब की कीमत करीब 40 लाख रुपए बताई जा रही है। है। वहीं डबरा में होटलो और ढाबों पर हो रहे अवैध दारू के कारोबार को लेकर आबकारी उप निरीक्षक रवि शंकर यादव ने कहा कि होटल और ढाबा पर जो शराब बेचने का काम कर रहे हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने बताया कि कुछ होटल और ढाबों पर कार्रवाई भी की गई है। आपको बता दें इस कार्रवाई में आबकारी उप निरीक्षक रविशंकर यादव के साथ कालीचरण सिलावट, मुन्ना खान आबकारी मुख्य कान्सटेबल और आबकारी कान्सटेबल  उत्तम कुमार दीक्षित, राजेन्द्र अहिरवार, राजेन्द्र जोनवार, भरत जाटव, रुचि कुशवाहा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

डबरा से अरूण रजक की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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