डबरा, सलिल श्रीवास्तव। ग्वालियर-चंबल संभाग (Gwalior-Chambal Division) में आई बाढ़ (Flooding) के बाद लगातार नेताओं और अधिकारियों के दौरे बाढ़ प्रभावित गांवों में हो रहे हैं। जहां हर बार बाढ़ से प्रभावित लोगों को कई तरह के आश्वासन तो दिए जाते है लेकिन वो सिर्फ बातें और सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करने तक ही सीमित रह जाते है। बतादें कि लापरवाह कर्मचारियों की वजह से ठीक से सर्वे भी नहीं हो पाया और जो सर्वे हुआ है उससे बाढ़ पीड़ितों को संतुष्टि नहीं है। जिसके कारण ग्रामीणों से लेकर किसानों में खासा रोष व्याप्त है। और उसी को लेकर ग्वालियर जिले (Gwalior District) के डबरा (Dabra) में बाढ़ पीड़ितों (Flood victims) द्वारा चक्का जाम किया गया।
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आज डबरा में युवा शक्ति संगठन ने 5 सैकड़ा से अधिक बाढ़ पीड़ितों के साथ एनएच 44 पर बमरौली मंदिर के पास चक्का जाम किया। बाढ़ पीड़ितों की मांग है कि उन्हें उनका उचित मुआवजा मिले, सर्वे कार्य में लापरवाही ना हो, शासकीय भूमि पर पट्टे देकर मकान बनाए जाए। और इन्हीं सब मांगों को लेकर आज बाढ़ पीड़ितों ने चक्का जाम किया। बात नहीं प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को समझाया और जाम को खुलवाया। इस दौरान दोनों ओर सैकड़ों वाहनों की कतारें लग गई। जिस वजह से सैकड़ों लोग फंसे रहे और परेशानी का सामना करना पड़ा।
दर-दर की ठोकरें खा रहे बाढ़ पीड़ित
आपको बता दें कि बीते दिनों डबरा-भितरवार ( Dabra-Bhitarwar) में भी बाढ़ का प्रकोप रहा और कई गांव बाढ़ की चपेट में आकर पूरी तरीके से तहस-नहस हो गए। लोगों के पास ना तो खाने को कुछ बचा है ना रहने को उनके पास कोई जगह है। ऊपर से शासन द्वारा जो मदद उपलब्ध कराई गई है वह काफी साबित नहीं हो रही है। लोग अभी भी दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। दूसरी ओर शासन ने सर्वे कार्य कराया है पर ग्रामीण इन सर्वे कार्यों से खुश नहीं दिख रहे हैं। जगह-जगह सर्वे दल से विवाद इस बात का उदाहरण है कि सर्वे कार्य में लापरवाही बरती जा रही है।
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2 घंटे तक किया चक्काजाम
इन्हीं मांगों को लेकर और अव्यवस्थाओं के खिलाफ शुक्रवार को युवा शक्ति संगठन ने 5 सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों को साथ लेकर nh-44 पर जाम लगा दिया। जाम 2 घंटे से अधिक समय तक चला बाद में एसडीएम प्रदीप शर्मा, तहसीलदार दीपक शुक्ला सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया गया। प्रशासन ने साफ तौर पर कहा कि शासन-प्रशासन बाढ़ पीड़ितों के साथ है और उनकी हर संभव मदद करने को तैयार है लोगों की मांग थी कि उन्हें शासकीय भूमि पर पट्टी देकर राहत राशि उपलब्ध कराई जाए। वहीं सर्वे कार्य में लापरवाही बरती जा रही है और लोगों को नाम नहीं जुड़े जा रहे उनको तत्काल जोड़ा जाए ताकि लोगों को राहत मिल सके इन सब मांगों पर प्रशासनिक अधिकारियों ने साफ तौर पर कहा कि सर्वे के लिए एक टीम दोबारा बनाई जाएगी। जिसमें युवा संगठन के लोगों को भी शामिल किया जाएगा वहीं अन्य मांगों का प्रस्ताव जिलाधीश को भेजा जाएगा इन सब आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने और जाम खोल दिया।
आपको बता दें बाढ़ पीड़ित लगातार उचित सर्वे करवाने की मांग कर रहे हैं और साथ ही मांगे नहीं माने जाने पर कलेक्टर कार्यालय का घेराव कर धरना देने की बात कही है। जिस संगठन के बैनर तले हाइवे जाम किया गया है उस युवा शक्ति संगठन ने दो बाढ़ प्रभावित गांवों को गोद लिया है जिनका पूरा खाने पीने से लेकर दैनिक उपयोग वस्तुओं का खर्चा संगठन के द्वारा उठाया जा रहा है।