Dabra News : गरीबों के हक पर डाका डाल रहा राशन माफिया, जिम्मेदार नहीं कर रहे कोई कार्रवाई

इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए संबंधित अधिकारी को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि केवाईसी कराना अनिवार्य तो है। लेकिन अगर किसी कारणवश केवाईसी नहीं हो पा रही तो उसका राशन कटा नहीं जा सकता है।

Amit Sengar
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Dabra News : सरकार की ओर से गरीबों को खाद्यान्न वितरण किया जाता है ताकि वो अपना गुजर-बसर अच्छे से कर सकें। लेकिन इस खाद्यान्न वितरण में भी धांधली की जा रही है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है। जिसमें डबरा शहर के वार्ड क्रमांक 4,5,6 की राशन दुकान संचालक द्वारा गरीब परिवारों का राशन काटा जा रहा है। जिसमें केवाईसी ना होने के नाम पर आईडी में जुड़े सभी सदस्यों का राशन नहीं दिया जाता है। ऐसे में उपभोक्ता अपनी परेशानी किसको बताएं क्योंकि खाद्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को यह जानने की फुर्सत ही नहीं की उनकी खाद्य वितरण व्यवस्था कैसी चल रही है?

क्या है पूरा मामला

राशन लेने आई महिला रामवती ने बताया कि उनकी समग्र आईडी में 7 लोगों के नाम है। लेकिन उसके बाद भी उन्हें 2 लोगों का राशन दिया जाता है, 5 लोगों का राशन काट लिया जाता है। रामवती ने कहा कि उनसे फिंगर ना लगे होने के नाम पर राशन काट लिया जाता है। जिसकी शिकायत वह दुकान संचालक से कई बार कर चुके हैं। लेकिन दुकान संचालक उनकी नहीं सुनता है।

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ऐसा ही वार्ड क्रमांक 5 में रहने वाली महिला सुनीता बाई ने बताया कि वह एक विधवा हैं। उनकी समग्र आईडी में चार लोग जुड़े हुए हैं। जिसमें से कंट्रोल संचालक द्वारा दो लोगों का राशन दिया जाता है। और दो लोगों का नहीं दिया जाता है। ऐसा लगभग उनके साथ डेढ़ साल से हो रहा है। सुनीता ने बताया उनकी केवाईसी भी की जा चुकी है। लेकिन उसके बाद भी राशन नहीं दिया जाता है। उनकाे हर बार गुमराह कर दिया जाता है। वह अपनी समस्या को लेकर डबरा नगर पालिका भी गई। लेकिन वहां भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। जब उन्होंने अपने राशन का स्टेटमेंट निकलवाया तो उसमें सभी लोगों का राशन ऊपर से भेजा जा रहा है। लेकिन दुकान संचालक उन्हें पूरा राशन नहीं दे रहा है।

वार्ड क्रमांक 6 से जितेंद्र जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके राशन की पर्ची में भी छह लोग सम्मिलित हैं। जिसमें से उन्हें सिर्फ एक व्यक्ति का राशन ही दिया जा रहा है। और हर बार उन्हें केवाईसी के नाम पर गुमराह कर बार-बार बुलाया जाता है। जितेंद्र ने बताया कि उनके घर में कुछ लोग वृद्ध हैं जो चलने फिरने में असमर्थ हैं। वह केवाईसी के लिए दुकान पर नहीं आ सकते है। जिसके कारण उनका भी राशन काटा जा रहा है। ऐसा उनके साथ भी लगभग दो साल से हो रहा है। जितेंद्र ने कहा कि अगर सरकार गरीबों को राशन उपलब्ध करा रही है। तो यह दुकान संचालक उनके हक्का का राशन क्यों नहीं देते है।

वहीं जब इस पूरे मामले की जानकारी देते हुए संबंधित अधिकारी को अवगत कराया गया तो उन्होंने कहा कि केवाईसी कराना अनिवार्य तो है। लेकिन अगर किसी कारणवश केवाईसी नहीं हो पा रही तो उसका राशन कटा नहीं जा सकता है। उसे पूरा राशन मिलना चाहिए, इस मामले की वह अपने स्तर पर जांच करवाएंगे। अब देखना यह होगा कि वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में यह मामला आने के बाद क्या कुछ कार्रवाई दुकान संचालक पर होती है या फिर खाना पूर्ति कर मामले को यही दवा दिया जाएगा। क्योंकि डबरा में कितनी ही राशन की दुकान ऐसी हैं जहां पर इस तरह से गरीबों के हक का राशन काटा जा रहा है और अधिकारी चुपचाप बैठकर तमाशा देख रहे हैं क्योंकि अगर ठीक तरह से अधिकारी राशन की दुकानों पर मॉनिटरिंग करें तो शायद किसी गरीब के हक का राशन ना मारा जाएगा।

डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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