Dabra News : राशन दुकानदार द्वारा राशन नहीं देने की शिकायत लेकर डबरा एसडीएम कार्यलय पहुंचे ग्रामीण, जानें क्या है कहा

Amit Sengar
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Dabra News : सरकारी उचित मूल्य की दुकानों पर मनमानी का आलम ऐसा है कि उपभोक्ताओं को राशन के लिए भटकना पड़ रहा है। जिसे लेकर अफसरों से तक शिकायत करने के बाद भी उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिल पा रहा है। मंगलवार को डबरा के ग्राम खेड़ी रायमल में की राशन दुकान की शिकायत लेकर लोग जनसुनवाई में पहुंचे जहां अफसरों के सामने राशन वितरण की समस्या रखी। इसके साथ ही कंट्रोल संचालक द्वारा अभद्र व्यवहार किए जाने के आरोप भी लगाए।

यह है मामला

केंद्र सरकार ने हमेशा हर वर्ग के लोगों के लिए कई तरह की योजनाएं शुरू की ताकि गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को किसी भी तरह की मुश्किल न हो। जिसके लिए केंद्र व राज्य सरकार द्वारा कई योजनाएं संचालित की जा रही है , जिसमें सबसे महत्वपूर्ण योजना है सोसाइटी के माध्यम से एक रुपए किलो की दर से राशन उपलब्ध कराना, जिससे गरीब परिवारो की रसोई में अनाज पहुंच सके। लेकिन अब राशन खोरों की वजह से अब हितग्राहियों को उनके हक़ का भी राशन नहीं मिल पा रहा है। जी हां मामला डबरा के ग्राम खेड़ी रायमल का है जहाँ ग्रामीणों ने डबरा एसडीएम कार्यलय पहुंचकर राशन दुकानदार की शिकायत करते हुए अपना दर्द बयां किया है और साथ ही प्रशासन से इंसाफ की गुहार भी लगाई है।

ग्रामीणों ने लगाए आरोप

ग्रामवासी मुकेश पिप्पल ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि कंट्रोल संचालक ओम प्रकाश साहू द्वारा हर बार केवाईसी के नाम पर ग्रामीणों से फिंगर लगवा लिए जाते हैं लेकिन उन्हें राशन उपलब्ध नहीं कराया जाता ग्रामीणों द्वारा कंट्रोल संचालक से राशन ना देने की वजह पूछने पर ग्रामीणों से अभद्रता से व्यवहार करते हुए कह दिया जाता है कि केवाईसी नहीं है तुम्हें राशन नहीं मिल सकता साथ ही मुकेश पिपल ने कहा कि संचालक द्वारा घर जाकर उनके बच्चों से भी फिंगर ले लिए जाते हैं लेकिन राशन उपलब्ध नहीं कराया जाता।

वहीं ग्रामीण पीतम सिंह शाक्य का कहना है कि कंट्रोल संचालक में उनको पिछले 2 माह से राशन नहीं दिया जबकि उन्होंने फिंगर द्वारा केवाईसी भी मशीन में करा ली इस बात को लेकर उन्होंने कई बार शिकायतें भी की लेकिन कंट्रोल संचालक में ग्रामीणों की बात को अनसुना करते हुए उन्हें राशन देने से मना कर दिया।
डबरा से अरुण रजक की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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