डबरा, अरुण रजक। डबरा (Dabra) नगरपालिका का प्रथम सम्मेलन आज आयोजित किया गया। लेकिन यह मीटिंग हंगामे की भेंट चढ़ गया। पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। उसके बाद में असंतुष्ट पार्षदों ने एक ज्ञापन मुख्य नगरपालिका अधिकारी को भी सौंप दी। दरअसल, आज नगर पालिका परिषद की प्रथम बैठक आयोजित की गई। जिसमें सिर्फ एक एजेंडा को शामिल किया गया था और वो कर्मचारियों के वेतन भत्ते में 3% की वृद्धि थी। बैठक से पहले सबकुछ सही था और परिषद के सदस्य भी यहाँ पहुंचे। लेकिन अन्य कोई एजेंडा शामिल ना होने का बाद अन्य पार्षदों ने विरोध करना शुरू कर दिया। उनका कहना था है की बैठक में अन्य मुद्दे शामिल नहीं किए गए। यदि ऐसा ही रहा तो शहर का विकास नहीं हो पाएगा।
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पार्षदों के मुताबिक वार्डों में कई समस्याएं हैं, पर उनपर कोई एक्शन नहीं हो रहा। बैठक के दौरान हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष लक्ष्मी पूरन राजा, उपाध्यक्ष सतेंद्र दुबे और उनके पक्ष के पार्षद उठ कर चले गए। मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए पार्षद अनिल जायसवाल ने कहा की, “हम ऐसी बैठक का विरोध करते हैं। बैठक में अन्य मुद्दे भी शामिल किए जाने थे। हमें किसी भी बैठक की पूर्व से जानकारी नहीं थी। अंत में बैठक बुलाई गई, जिसमें कोई भी विकास का मुद्दा शामिल नहीं किया गया था।
वहीं पार्षद जयेन्द्र गुर्जर के मुताबिक 2 महीने के अंतराल में नगर परिषद की प्रथम बैठक करना जरूरी होता है। इसलिए तत्काल में बैठक को बुलाया गया, जिसमें पूर्व के स्वीकृत मुद्दे को ही शामिल किये गए थे। बहुत जल्द परिषद की अन्य बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें नगर के सभी वार्डों के विकास के मुद्दे शामिल किए जाएंगे। आपको बता दें कि डबरा नगर पालिका परिषद में विवाद इतना बड़ा है कि अभी तक सीएमओ विधिवत चार्ज भी नहीं ले पाए हैं। गुटबाजी के कारण नगर का विकास में रुकावट बनी हुई है। कई ठेकेदार जिनके काम पूर्व से ही स्वीकृत हैं, वह भी काम नहीं कर रहे हैं। बैठक के दौरान ऐसी घटना के बाद नगर का विकास नगर पालिका की पहली प्राथमिकता है। बहुत जल्द दूसरी नगरपालिका बैठक होगी, जिसमें वार्डों के विकास के मुद्दे शामिल किये ज़ायेंगे।