पुलिस महानिरीक्षक ने किया डबरा के सिटी थाने का निरीक्षण, अपराध पर अंकुश लगाने के सिखाए गुर

Amit Sengar
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डबरा,सलिल श्रीवास्तव। देहात क्षेत्र के थानों के निरीक्षण पर निकले ग्वालियर जोन के पुलिस महानिरीक्षक श्रीनिवास वर्मा (Inspector General of Police Srinivas Verma) ने आज डबरा (dabra) पहुँचकर थाने का बारीकी से निरीक्षण किया अपराधों के सम्बंध अधिकारियों से समीक्षा की।

आपको बता दें कि आज पुलिस महानिरीक्षक श्रीनिवास वर्मा डबरा के सिटी थाने पहुंचे जहाँ उन्होंने थाने का निरीक्षण किया, सबसे पहले उन्होने अधिकारियों की परेड ली, बाद में फाइलों का भी अवलोकन किया और तो और सीएम हेल्पलाइन के साथ अपराधों के निकाल की भी जानकारी ली। वहीं उन्होंने क्षेत्र में बढ़ रहे अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए अधिकारियों को टिप्स भी प्रदान की पत्रकारों से चर्चा करते हुए।

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उन्होंने कहा कि थाने को 10 में से 7 अंक दिए जाएंगे क्योंकि कुछ मामलों में सुधार की आवश्यकता है, क्योंकि सीएम हेल्प लाईन के कई मामले लंबित है, थाने में बल की भी कमी है, जिसे शीघ्र दूर किया जाएगा प्रोविशनल पीरियड पर नए अधिकारी आए हैं, जिनमें काम करने का जज्बा है, उन्हें आगे लाकर अपराधों पर अंकुश लगाए जाएगा, क्षेत्र में बढ़ रहे अपराधों पर उनका कहना था कि बाकायदा अपराधियों की सूची बनाई गई है, और एक अधिकारी को दो अपराधी देकर उन्हें गिरफ्तार और उन पर अंकुश लगाने का जिम्मा सौंपा गया है, काफी लंबे समय से एडिशनल एसपी के डबरा में ऑफिस बनाए जाने की मांग पर उनका कहना था कि बात सही है इसे वरिष्ठ अधिकारियों को भेजकर अवगत कराया जाएगा। निरीक्षण में उनके साथ ग्वालियर पुलिस कप्तान अमित सांघी भी मौजूद रहे।

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नए रंग रूप में दिखा डबरा थाना

आज जो डबरा थाने की तस्वीर दिख रही थी उसे देख कर कोई भी अनुमान नहीं लगा सकता था कि यह डबरा का सिटी थाना है यहां दो दिन पूर्व इतनी गंदगी और अव्यवस्थाएं थी से कोई सोच भी नहीं सकता था, पर आज बाकायदा हरियाली पार्किंग की व्यवस्था के साथ अंदर की जो व्यवस्थाएं थी, उन्हें देखकर लग रहा था कि किसी प्राइवेट कंपनी का ऑफिस हो हर आम जन का सिर्फ यही कहना था कि वरिष्ठ अधिकारियों को समय समय पर थानों का निरीक्षण करते रहना चाहिए ताकि अधीनस्थ अधिकारियों में दहशत बनी रहे और व्यवस्थाएं भी अच्छी रहे।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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