डबरा, अरुण रजक। एक ओर जहां मध्यप्रदेश में प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान दिन रात एक कर प्रदेश के विकास के लिए मेहनत कर रहे हैं वही उनके अधिकारी उनकी योजनाओं और सपनों पर पलीता लगा रहे हैं। बिजली, पानी, सड़क और सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए भी नगर वासियों को आए दिन अधिकारियों के सामने गुहार लगानी पड़ रही है लेकिन ऐसा लगता है मानो अधिकारियों के पास लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए वक्त ही नहीं है।
आज हम शहर के वार्ड क्रमांक 2 में पहुंचे जहां मौजूद घनश्याम पालीवाल ने हमारे संवाददाता से बात कर अपनी समस्या शासन और प्रशासन तक पहुंचाने की कोशिश की। जब हमने उनसे सवाल किया कि उन्हें नवनिर्मित नगर पालिका से क्या उम्मीद है तब घनश्याम पालीवाल ने बड़े ही मायूस होकर अपनी व्यथा हमारे सामने रखी।
घनश्याम ने हमें बताया कि जहां उनका मकान है वहां पानी के निकास की समुचित व्यवस्था नहीं है। इसके चलते उनका मकान हर तरफ पानी से घिरा हुआ है। नाली ना होने की वजह से पानी का निकास भी संभव नहीं है। इस सबके चलते उनका मकान धराशाई होने की स्थिति में है। साथ ही उन्होंने बताया कि जिस गली में वे रहते हैं उसी गली में उनके वार्ड पार्षद लवलेश केन का भी मकान है। लेकिन अभी तक उनकी सुनवाई के लिए पार्षद की ओर से कोई मदद नहीं मिली है।
इतना ही नहीं हमसे बात करते में घनश्याम ने यह भी बताया कि इस परेशानी के लिए उन्होंने डबरा नगरपालिका अधिकारियों को भी कई बार आवेदन दिए हैं और यहां तक की जनसुनवाई में भी यह बात प्रशासन के सामने रखी है पर अब तक उनकी इस समस्या का समाधान क्या सुनवाई तक नहीं हुई है। एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ के माध्यम से पालीवाल ने अपनी समस्या वार्ड के पार्षद और स्थानीय नगर प्रशासन तक पहुंचाने एवं उसके समाधान होने की कोशिश की है।
About Author
Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।