Dabra News: सिविल अस्पताल में डॉक्टरों की चल रही मनमानी, महिला चिकित्सक के अभद्र व्यवहार को लेकर पीड़िता ने SDM को दिया शिकायती आवेदन

अर्जुन बाथम ने महिला डॉक्टर के खिलाफ शिकायती आवेदन एसडीएम के समक्ष दे दिया है। अब देखना यह होगा कि वरिष्ठ अधिकारी इस मामले पर क्या कुछ कार्रवाई करते हैं।

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Dabra News: डबरा सिविल अस्पताल में व्यवस्थाओं और असुविधाओं को लेकर हालत दिन ब दिन बिगड़ रहे हैं। इस पर ना तो जिम्मेदार वरिष्ठ अधिकारी ध्यान दे रहे हैं और ना ही शासन। डबरा सिविल अस्पताल की अव्यवस्थाओं और डॉक्टर के अभद्र व्यवहार को लेकर कई बार पीड़ितों ने आवेदन देकर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित भी किया है। लेकिन ना तो अब तक डबरा सिविल अस्पताल की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया और ना ही डॉक्टरों के द्वारा मरीज के साथ गलत व्यवहार को रोका गया। इसी बीच एक मामला डबरा सिविल अस्पताल में पदस्थ महिला चिकित्सक के साथ पीड़ित मरीज का सामने आया है, जहां पर पीड़ित महिला पति ने डबरा एसडीएम के समक्ष महिला चिकित्सक के अभद्र व्यवहार को लेकर शिकायती आवेदन दिया है।

महिला डॉक्टर ने निजी क्लीनिक में किया इलाज

वार्ड क्रमांक 18 में रहने वाले अर्जुन बाथम ने बताया कि उनकी पत्नी गर्भवती हैं। वह अपनी पत्नी को लेकर डबरा सिविल अस्पताल गए थे, जहां पर पदस्थ महिला चिकित्सक मेमुना खान को उन्होंने अपनी पत्नी को दिखाया तो खान मैडम ने अस्पताल में उन्हें सही से नहीं देखा और उन पर चिल्लाने लगी। वहीं मेमुना खान ने उन्हें अपने निजी क्लीनिक पर बुलाया और वहां पर देखने को बोली। ऐसे में पीड़िता के पति ने अपनी पत्नी का डॉक्टर के निजी क्लीनिक पर लेजाकर इलाज शुरू करवा दिया। जिसके बाद क्लीनिक पर खान मैडम ने दवाइयां दी और इंजेक्शन भी लगाए जिससे पीड़िता की हालत बिगड़ने लगी। हालात बिगड़ने पर महिला के पति ने दूसरी जगह इलाज कराने के लिए बोला तो क्लीनिक में काम कर रहे कंपाउंडर ने उनके साथ बदतमीजी और अभद्रता पूर्वक व्यवहार किया। साथ ही उनकी दवाइयां भी छीन ली और पैसे भी वापस नहीं किए।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।