दमोह, डेस्क रिपोर्ट। दमोह में होने वाले विधानसभा उपचुनाव (damoh by election) 25 अप्रैल 2021 से पहले कराए जा सकते हैं। जिसके लिए तारीखों की घोषणा जल्द हो सकती है। इससे पहले बीजेपी (bjp) ने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया है। दरअसल बीते दिनों मंच से ही मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने दमोह विधानसभा उपचुनाव के लिए राहुल लोधी (rahul lodi) के नाम पर मुहर लगा दी है। वहीं राहुल लोधी के नाम के ऐलान के बाद ही अन्य नामों पर विराम लग गया है।
इधर सीएम शिवराज (CM Shivraj) की राहुल लोधी के नाम पर घोषणा के बाद जयंत मलैया (jayant mailaiya) के बेटे सिद्धार्थ मलैया(siddharth mailaiya) ने राहुल लोधी को बधाई दी है। इसके साथ ही सिद्धार्थ मलैया ने कहा कि अभी सिर्फ नाम की घोषणा हुई है। अभी टिकट नहीं दिया गया है। बता दे कि शनिवार को खुले मंच से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राहुल लोधी के नाम पर मुहर लगाई है। इसके साथ ही जनता से राहुल लोधी को वोट कर दमोह चुनाव में उन्हें विजयी बनाने की अपील की है। सीएम शिवराज ने कहा कि बीजेपी का साथ दें। राहुल लोधी को आशीर्वाद दें और दमोह को विकास के मामले में पीछे नहीं रहने दिया जाएगा।
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बता दे कि राहुल लोधी कि कांग्रेस और बीजेपी में आने के बाद से ही उप चुनाव को देखते हुए चर्चाओं का बाजार गर्म था। इस उपचुनाव में कई नामों पर टिकट के लिए चर्चा की जा रही थी। जिसमें पूर्व मंत्री जयंत मलैया भी प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। हालांकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा राहुल लोधी के नाम की घोषणा के बाद ही जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने कहा है कि अभी सिर्फ नाम पर घोषणा हुई है। चुनाव लड़ना और टिकट मिलना अभी बाकी है।
ज्ञात हो कि राहुल लोधी 2018 के विधानसभा चुनाव में पहली बार दमोह विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे। कांग्रेस की सीट से चुनाव लड़े राहुल लोधी ने पूर्व वित्त मंत्री जयंत मलैया को शिकस्त दी थी। हालांकि मध्यप्रदेश में कमलनाथ की सरकार गिरने के बाद ही राहुल लोधी ने अचानक विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। बीजेपी में शामिल होते ही शिवराज सरकार ने उन्हें वेयरहाउसिंग एंड लॉजिस्टिक्स कॉरपोरेशन (Warehousing & Logistics Corporation) के चेयरमैन बनाया था।
वहीं बीजेपी में प्रवेश से पहले उन्होंने बीजेपी के सामने यह शर्त रखी थी कि दमोह जिले को मेडिकल कॉलेज का तोहफा दिया जाएगा। जिसके बाद ही वह भाजपा में आ सकते हैं। हालांकि उनकी मांग को प्रदेश सरकार ने स्वीकार कर लिया था और वह भाजपा में शामिल हो गए थे।