दमोह लोकायुक्त की कार्रवाई, 3000 की रिश्वत लेते बाबू हुआ गिरफ्तार

Amit Sengar
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दमोह, आशीष कुमार जैन। दमोह जिला मुख्यालय पर जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय में संचालित आदिम जाति कल्याण विभाग में बाबू के पद पर पदस्थ पीएल कोरी को ₹3000 की रिश्वत लेते लोकायुक्त के द्वारा पकड़ा गया है दरअसल जिले के पथरिया विकासखंड अंतर्गत आने वाले लखरोनी निवासी रेवाराम अहिरवार के द्वारा इसकी शिकायत लोकायुक्त में की गई थी।

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हम आपको बता दें कि रेवाराम अहिरवार की नाबालिग बेटी को एक मामले की शिकायत के एवज में शासन द्वारा सहायता राशि दी जानी थी उस राशि को अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए आदिम जाति कल्याण विभाग के बाबू के द्वारा ₹5000 की रिश्वत मांगी गई थी दो बार यह व्यक्ति ₹2000 की राशि रिश्वत में दे चुका है वही ₹3000 की राशि बकाया होने पर इसके द्वारा लोकायुक्त में शिकायत की गई थी जिसके बाद लोकायुक्त सागर की टीम ने कलेक्ट्रेट कार्यालय में छापा मारकर रिश्वतखोर बाबू को गिरफ्तार कर लिया है।

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पीड़ित ने बताया कि लगातार भ्रष्टाचार कर रहा है बाबू उसे परेशान कर रहा था और बेटी को मिलने वाली सहायता राशि में अड़ंगा डाल रहा था ऐसे में उसके द्वारा यह कार्रवाई कराई गई है तो वही लोकायुक्त इंस्पेक्टर मंजू सिंह ने बताया कि पीड़ित के द्वारा लोकायुक्त एसपी के समक्ष शिकायत दर्ज कराई गई थी जिसके बाद यह कार्रवाई की गई है बाबू को ₹3000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया है मालूम हो कि दमोह जिले में लगातार ही रिश्वतखोर कर्मचारियों को पकड़ने का दौर जारी है इसके बावजूद भी हर दिन ही लाखों रुपए की रिश्वत देने के लिए जिले में लोग मजबूर नजर आ रहे हैं।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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